सरल वर्तमान काल (Simple Present Tense)

By Vikash Kumar Hansda

सरल वर्तमान काल — अंग्रेज़ी में इसे Simple Present Tense कहा जाता है — मुख्यतः उन स्थितियों के लिए स्थापित है, जिनमें तथ्यों (Facts), आदतों (Habits), और नियमित घटनाओं (Regular activities) को व्यक्त करना आवश्यक है। यह काल भाषा के व्यवहारिक प्रयोग में विशेष स्थान रखता है।

मुख्य उपयोग:

  1. निश्चित भविष्यगत घटनाएँ: (Scheduled Events)
    यह काल भविष्य में होने वाली पूर्व-निर्धारित या शेड्यूल्ड घटनाओं के लिए भी प्रयुक्त होता है।
    उदाहरण:

  • “ट्रेन 5 बजे आती है।”
    The train arrives at 5 o’clock.
    (या) The train arrives at 5 p.m. (यदि शाम का समय हो)
  • “विमान 5 मिनट में लैंड करेगा।”
    The plane will land in 5 minutes.
  1. कथा एवं हास्य प्रसंग:
    कहानियां और चुटकुले सुनाते समय भी सरल वर्तमान काल का चयन किया जाता है, जिससे कथा में सजीवता और रोचकता बनी रहती है।
    उदाहरण:
  • “A horse walks into a bar. The bartender asks, ‘Why the long face?'”
    🔹 यह एक pun (शब्दों का खेल) है, क्योंकि “long face” का अर्थ होता है उदासी से चेहरा लटक जाना, लेकिन घोड़े का चेहरा भी लंबा होता है — तो यह वाक्य दोनों अर्थों में मज़ाकिया बन जाता है।
  • यह एक मज़ाकिया शैली में कहा गया वाक्य है, जिसे अंग्रेज़ी में अक्सर “A horse walks into a bar…” जैसे जोक्स के रूप में प्रयोग किया जाता है।

नकारात्मक और प्रश्नवाचक रूप:

  • नकारात्मक वाक्य:
    “do not” अथवा “does not” का प्रयोग कर वाक्य को नकारात्मक बनाया जाता है।
    उदाहरण:
  • नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):
    “मुझे चॉकलेट पसंद नहीं है।
    I do not like chocolate.
    (या छोटा रूप: I don’t like chocolate.)
    एंजेला युवा क्लब नहीं चलाती।
    Angela does not run a youth club.
    (या छोटा रूप: Angela doesn’t run a youth club.)

    प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):
    क्या तुम्हें चॉकलेट पसंद है?
    Do you like chocolate?
    क्या एंजेला युवा क्लब चलाती है?
    Does Angela run a youth club?

वर्तनी संबंधी नियम:

सरल वर्तमान काल में तीसरे व्यक्ति एकवचन (he, she, it) के साथ क्रिया के अंत में सामान्यतः ‘s’ या ‘es’ जोड़ा जाता है।
उदाहरण:

  • talk → talks
  • fix → fixes
  • fly → flies
    यदि क्रिया ‘y’ पर समाप्त होती है और उससे पहले व्यंजन है, तो ‘y’ हटाकर ‘ies’ जोड़ते हैं।
    उदाहरण:
  • study → studies

सारांश:
संक्षेप में, सरल वर्तमान काल भाषा में आदत, सामान्य तथ्य, और निश्चित भविष्यगत घटनाओं के लिए प्रयुक्त होता है। इसका नकारात्मक एवं प्रश्नवाचक रूप सहायक क्रियाओं “do” और “does” द्वारा बनाया जाता है, तथा तीसरे व्यक्ति एकवचन के लिए क्रिया में ‘s’ या ‘es’ जोड़ने के नियम का पालन आवश्यक है। कथाओं और चुटकुलों में भी इसका सीमित, किंतु विशेष स्थान है। अध्ययन सामग्री के रूप में तालिकाएँ एवं वीडियो संसाधन उपलब्ध हैं, जो विषय को और अधिक स्पष्ट एवं बोधगम्य बनाते हैं।

🌿 Present Continuous Tense (वर्तमान काल का अपूर्ण काल / वर्तमान प्रगतिशील काल)

➤ परिभाषा:

Present Continuous Tense का उपयोग उन क्रियाओं के लिए किया जाता है जो इस समय चल रही होती हैं या आसपास के वर्तमान समय में घट रही होती हैं। इसे “is/am/are + verb + ing” के रूप में लिखा जाता है।


🌟 मुख्य उपयोग:

1️⃣ वर्तमान समय में चल रही क्रिया (Ongoing Action in the Present)

  • वह अब गाना गा रही है।
    ➤ She is singing now.
  • मैं पढ़ाई कर रहा हूँ।
    ➤ I am studying.
  • वे फुटबॉल खेल रहे हैं।
    ➤ They are playing football.

2️⃣ अस्थायी कार्य (Temporary Situations)

  • मैं इन दिनों अपनी दादी के साथ रह रहा हूँ।
    ➤ I am staying with my grandmother these days.

3️⃣ आसपास के समय में घट रही घटनाएं (Actions happening around the current time)

  • वह अभी ऑफ़िस नहीं जा रही है क्योंकि वह छुट्टी पर है।
    ➤ She is not going to office because she is on leave.

4️⃣ नज़दीकी भविष्य की योजनाएं (Near Future Plans)

  • हम शाम को मूवी देखने जा रहे हैं।
    ➤ We are going to watch a movie this evening.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

वाक्य बनाने का ढांचा:
🔸 Subject + is/am/are + not + verb + ing

  • मैं अभी खाना नहीं खा रहा हूँ।
    ➤ I am not eating right now.
  • वह टीवी नहीं देख रही है।
    ➤ She is not watching TV.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

वाक्य बनाने का ढांचा:
🔸 Is/Am/Are + subject + verb + ing?

  • क्या तुम पढ़ाई कर रहे हो?
    ➤ Are you studying?
  • क्या वह ऑफिस जा रहा है?
    ➤ Is he going to office?

✏️ वर्तनी नियम (Spelling Rules):

  • यदि क्रिया ‘e’ पर समाप्त होती है, तो ‘e’ हटाकर ‘-ing’ जोड़ा जाता है:
    • make → making
    • write → writing
  • यदि शब्द में एक व्यंजन, एक स्वर, और फिर एक व्यंजन हो, तो अंतिम व्यंजन दोहराया जाता है:
    • run → running
    • sit → sitting

🔚 सारांश (Summary):

उपयोग का प्रकारउदाहरणअंग्रेज़ी
अभी हो रही क्रियामैं खा रहा हूँI am eating
अस्थायी अवस्थावह यहाँ रह रही हैShe is staying here
नज़दीकी भविष्यहम जा रहे हैंWe are going
नकारात्मकवह नहीं आ रहाHe is not coming
प्रश्नवाचकक्या तुम पढ़ रहे हो?Are you reading?

Present Continuous Tense हमें ‘अभी की स्थिति’ और ‘नज़दीकी योजनाओं’ को व्यक्त करने में सहायक होता है।



Present Perfect Tense (पूर्ण वर्तमान काल)

परिभाषा:

Present Perfect Tense उन कार्यों को व्यक्त करता है जो अभी-अभी पूरे हुए हैं या जिनका प्रभाव वर्तमान पर पड़ा है। यह tense “has/have + past participle (V3)” से बनता है।


🌟 मुख्य उपयोग:

1️⃣ अभी-अभी समाप्त हुआ कार्य (Recent actions)

  • मैंने अभी-अभी नाश्ता किया है।
    ➤ I have just eaten breakfast.
  • उसने दरवाज़ा बंद कर दिया है।
    ➤ He has closed the door.

2️⃣ कार्य का प्रभाव वर्तमान में दिख रहा हो

  • उसने खिड़की तोड़ दी है। (अब वह टूटी हुई है)
    ➤ She has broken the window.
  • बच्चे की तबीयत बिगड़ गई है।
    ➤ The child has fallen ill.

3️⃣ पिछले समय से अब तक के अनुभव (Life experiences)

  • मैंने कभी पेरिस नहीं देखा है।
    ➤ I have never seen Paris.
  • क्या तुमने कभी उड़ान भरी है?
    ➤ Have you ever flown in an airplane?

4️⃣ अभी-अभी की घटनाओं में संकेतक शब्दों के साथ

Keywords: just, already, yet, never, ever, recently, since, for

  • उसने अभी-अभी घर छोड़ा है।
    ➤ He has just left home.
  • मैंने वह फिल्म पहले ही देख ली है।
    ➤ I have already seen that movie.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences)

🔸 Subject + has/have + not + past participle

  • मैंने यह किताब नहीं पढ़ी है।
    ➤ I have not read this book.
  • वह स्कूल नहीं गया है।
    ➤ He has not gone to school.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences)

🔸 Has/Have + subject + past participle?

  • क्या तुमने खाना खा लिया है?
    ➤ Have you eaten your meal?
  • क्या उसने आवेदन जमा कर दिया है?
    ➤ Has he submitted the application?

⚠️ विशेष नोट्स / Exceptions:

Keywordप्रयोगHindi
Justअभी-अभीHe has just arrived. – वह अभी-अभी आया है।
Alreadyपहले हीI have already done my homework.
Yetअब तक (प्रश्न/नकारात्मक में)Have you eaten yet? / I haven’t eaten yet.
Never / Everकभी नहीं / कभीI have never lied. / Have you ever lied?
Since / Forसमय की अवधि बताने मेंI have lived here since 2020. / She has worked here for 5 years.

🧠 सारांश तालिका:

उपयोगहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
हाल ही की क्रियामैंने अभी खाना खाया है।I have just eaten.
अनुभवमैंने कभी झूठ नहीं बोला।I have never lied.
प्रश्नवाचकक्या तुम स्कूल गए हो?Have you gone to school?
नकारात्मकमैंने नहीं पढ़ा है।I have not read.
समय के साथवह 2010 से यहाँ है।He has been here since 2010.

बहुत बढ़िया! आइए अब हम Present Tense की अंतिम कड़ी को विस्तार से समझते हैं:


Present Perfect Continuous Tense (वर्तमान पूर्ण अपूर्ण काल)

(जिसे हिंदी में – “अब तक कर रहा हूँ” जैसे भावों के लिए प्रयोग किया जाता है)


🔷 परिभाषा:

Present Perfect Continuous Tense का उपयोग उन क्रियाओं के लिए किया जाता है जो पहले शुरू हुई थीं और अभी तक जारी हैं, या हाल ही में पूरी हुई हैं लेकिन प्रभाव अभी भी मौजूद है

🔸 Structure (रचना):
Subject + has/have been + verb (ing) + [since/for + time]


🌟 मुख्य उपयोग:

1️⃣ कार्य जो पहले से जारी है और अब तक चल रहा है

  • मैं सुबह से पढ़ रहा हूँ।
    ➤ I have been studying since morning.
  • वह दो घंटे से फोन पर बात कर रही है।
    ➤ She has been talking on the phone for two hours.

2️⃣ ऐसा कार्य जो हाल ही में रुका हो, लेकिन उसका असर अभी भी है

  • मैं दौड़ रहा था, इसलिए मैं थका हुआ हूँ।
    ➤ I have been running, so I am tired.

🕰️ Since vs For का प्रयोग:

शब्दउपयोगउदाहरण
Sinceकिसी निर्दिष्ट समय सेI have been working since 10 a.m.
Forकिसी अवधि के लिएShe has been learning French for 6 months.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Subject + has/have not been + verb + ing

  • वह सुबह से अभ्यास नहीं कर रहा है।
    ➤ He has not been practicing since morning.
  • मैं तीन दिन से पढ़ाई नहीं कर रहा हूँ।
    ➤ I have not been studying for three days.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Has/Have + subject + been + verb + ing + ?

  • क्या वह दो घंटे से गा रहा है?
    Has he been singing for two hours?
  • क्या तुम सुबह से कंप्यूटर पर काम कर रहे हो?
    Have you been working on the computer since morning?

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

प्रकारहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
चल रही क्रियामैं सुबह से लिख रहा हूँ।I have been writing since morning.
प्रभाव दिखानावह रो रही है, इसलिए उसकी आँखें लाल हैं।She has been crying, so her eyes are red.
नकारात्मकमैंने पढ़ाई नहीं की है।I have not been studying.
प्रश्नवाचकक्या तुम प्रतीक्षा कर रहे हो?Have you been waiting?
समय के साथवह दो हफ्तों से यहाँ रह रही है।She has been living here for two weeks.

बहुत बढ़िया! अब हम Past Tense की शुरुआत करते हैं उसी विस्तार और शैली में।


Simple Past Tense (साधारण भूतकाल)

👉 जिसे हिंदी में – “मैंने किया”, “वह गया”, “उन्होंने देखा” जैसी क्रियाओं के लिए प्रयोग किया जाता है।


🔷 परिभाषा (Definition):

Simple Past Tense उन कार्यों को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है जो भूतकाल में कभी घटित हो चुके हैं और अब समाप्त हो चुके हैं

🔸 Structure (रचना):
Subject + V2 (past form of verb)


🌟 मुख्य उपयोग (Main Uses):

1️⃣ भूतकाल में पूरी हो चुकी क्रिया (Completed actions in the past)

  • मैं कल बाजार गया।
    ➤ I went to the market yesterday.
  • उसने खाना खाया।
    ➤ He ate food.
  • हम फिल्म देखने गए थे।
    ➤ We watched a movie.

2️⃣ भूतकाल की आदतें / नियमित घटनाएं (Past habits or regular actions)

  • वह रोज़ स्कूल पैदल जाता था।
    ➤ He walked to school every day.
  • मेरी दादी मुझे कहानियाँ सुनाया करती थीं।
    ➤ My grandmother used to tell me stories.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Subject + did not + base verb (V1)

  • मैंने उसे नहीं देखा।
    ➤ I did not see him.
    (short form: I didn’t see him.)
  • वह स्कूल नहीं गया।
    ➤ He did not go to school.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Did + subject + base verb (V1)?

  • क्या तुमने किताब पढ़ी?
    ➤ Did you read the book?
  • क्या वे समय पर आए?
    ➤ Did they arrive on time?

🔠 Important Note (क्रिया रूपों की समझ):

Verb (V1)Past (V2)हिंदी
gowentगया
eatateखाया
seesawदेखा
writewroteलिखा
taketookलिया

👉 ध्यान दें कि Simple Past में हमेशा V2 (Past Form) का उपयोग होता है।


📌 Keywords (संकेतक शब्द):

⏳ yesterday, last night, last year, in 2005, ago, when, once upon a time…

  • मैं दो दिन पहले आया था।
    ➤ I came two days ago.
  • वह 2015 में यहाँ आया।
    ➤ He arrived here in 2015.

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

प्रकारहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
सामान्य क्रियाउसने खाना बनाया।She cooked food.
आदतमैं रोज़ भागता था।I ran every day.
नकारात्मकमैंने कुछ नहीं कहा।I did not say anything.
प्रश्नवाचकक्या उसने जवाब दिया?Did he answer?
समय संकेतकवह कल आया।He came yesterday.


Past Continuous Tense (भूतकालीन अपूर्ण काल / भूतकाल में जारी क्रिया)


🔷 विस्तृत परिभाषा (Elaborated Definition):

Past Continuous Tense का प्रयोग उन क्रियाओं के लिए किया जाता है जो भूतकाल में किसी निश्चित समय पर चल रही थीं, यानी कोई ऐसा कार्य जो उस समय पूरा नहीं हुआ था, बल्कि जारी था।
यह यह भी दर्शा सकता है कि कोई दूसरा कार्य उस समय हो रहा था जब कोई दूसरा कार्य घटित हुआ।

🔸 Structure:
Subject + was/were + verb (ing)


🌟 मुख्य उपयोग (Main Uses):

1️⃣ किसी समय पर भूतकाल में जारी क्रिया (Action in progress at a particular time in the past)

  • कल रात 9 बजे मैं पढ़ाई कर रहा था।
    ➤ I was studying at 9 p.m. last night.
  • वह जब मैं पहुँचा, तब रो रही थी।
    ➤ She was crying when I arrived.

2️⃣ दो घटनाओं में एक चल रही थी और दूसरी घटित हुई (One action ongoing when another happened)

  • जब फोन बजा, मैं खाना खा रहा था।
    ➤ I was eating when the phone rang.
  • वह गा रही थी जब मैंने दरवाज़ा खोला।
    ➤ She was singing when I opened the door.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Structure:
Subject + was/were + not + verb (ing)

  • मैं सो नहीं रहा था।
    ➤ I was not sleeping.
  • वे बारिश में नहीं खेल रहे थे।
    ➤ They were not playing in the rain.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Structure:
Was/Were + subject + verb (ing)?

  • क्या वह काम कर रहा था?
    ➤ Was he working?
  • क्या तुम लोग गीत गा रहे थे?
    ➤ Were you singing songs?

🔠 Subject के अनुसार “was/were” का प्रयोग:

SubjectHelping Verb
I, He, She, It, Ramwas
You, We, They, Childrenwere

📌 Keywords (संकेतक शब्द):

⏳ While, when, as, at that time, then, all evening, all day, yesterday at 5 p.m. आदि।

  • वह 10 बजे तक सो रहा था।
    ➤ He was sleeping until 10 o’clock.
  • जब मैं पहुँचा, तब वह नाश्ता कर रहा था।
    ➤ When I arrived, he was having breakfast.

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

उपयोगहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
एक समय पर जारी क्रियावह पढ़ रहा था।He was reading.
दूसरे कार्य के दौरानजब मैं पहुँचा, वह दौड़ रही थी।She was running when I arrived.
नकारात्मकमैं नहीं नाच रहा था।I was not dancing.
प्रश्नवाचकक्या तुम सो रहे थे?Were you sleeping?


Past Perfect Tense (पूर्ण भूतकाल)


🔷 विस्तृत परिभाषा (Elaborated Definition):

Past Perfect Tense का प्रयोग तब किया जाता है जब हम दो भूतकालीन घटनाओं की बात करते हैं और यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि पहला कार्य पहले ही पूरा हो चुका था, और उसके बाद दूसरा कार्य हुआ।

यह tense बताता है कि भूतकाल में कोई क्रिया किसी अन्य क्रिया से पहले पूरी हो चुकी थी, यानी कि “भूतकाल में भी अतीत”।

🔸 Structure (रचना):
Subject + had + past participle (V3)


🌟 मुख्य उपयोग (Main Uses):

1️⃣ दो भूतकालीन घटनाओं में पहली पूर्ण हो चुकी हो (Sequence of two past events)

  • जब मैं स्टेशन पहुँचा, ट्रेन जा चुकी थी।
    ➤ The train had left when I reached the station.
  • वह पहले ही खाना खा चुका था जब मेहमान आए।
    ➤ He had eaten before the guests arrived.

2️⃣ कारण और परिणाम दर्शाने के लिए (Cause & Effect relationship)

  • वह रो रही थी क्योंकि उसने अपना खिलौना तोड़ दिया था।
    ➤ She was crying because she had broken her toy.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Structure:
Subject + had not + V3

  • मैंने किताब नहीं पढ़ी थी।
    ➤ I had not read the book.
  • वह स्कूल नहीं गया था।
    ➤ He had not gone to school.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Structure:
Had + subject + V3?

  • क्या तुमने काम पूरा कर लिया था?
    Had you completed the work?
  • क्या उसने तुम्हें देखा था?
    Had he seen you?

🔠 Important V3 Forms:

Verb (V1)Past (V2)Past Participle (V3)
gowentgone
eatateeaten
writewrotewritten
seesawseen
taketooktaken

➡️ Past Perfect में हमेशा V3 (past participle) का प्रयोग होता है।


📌 Keywords (संकेतक शब्द):

⏳ already, before, after, by the time, when, just, as soon as, till then

  • जब तक मैं पहुँचा, वे जा चुके थे।
    By the time I arrived, they had gone.
  • जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला, उसने भागना शुरू कर दिया।
    As soon as I opened the door, he had started running.

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

प्रकारहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
दो घटनाएंजब मैं पहुँचा, वह जा चुका था।He had left when I arrived.
कारण/परिणामवह दुखी था क्योंकि वह हार चुका था।He was sad because he had lost.
नकारात्मकमैंने कुछ नहीं कहा था।I had not said anything.
प्रश्नवाचकक्या उसने दरवाज़ा बंद किया था?Had he closed the door?


Past Perfect Continuous Tense (भूतकालीन पूर्ण अपूर्ण काल)


🔷 विस्तृत परिभाषा (Elaborated Definition):

Past Perfect Continuous Tense का प्रयोग उन कार्यों के लिए किया जाता है जो भूतकाल में किसी समय से पहले शुरू हुए थे और उस समय तक लगातार चल रहे थे। यानी, यह काल दो बातों को दर्शाता है:

  1. कार्य भूतकाल में पहले शुरू हुआ था,
  2. और वह कुछ समय तक चलता रहा

🔸 यह Tense यह बताता है कि कितनी देर तक कोई कार्य पहले से जारी था।

🔸 Structure (रचना):
Subject + had been + verb (ing) + since/for + time


🌟 मुख्य उपयोग (Main Uses):

1️⃣ भूतकाल में पहले से चल रही क्रिया

  • वह दो घंटे से पढ़ रहा था।
    ➤ He had been studying for two hours.
  • हम सुबह से बारिश का इंतज़ार कर रहे थे।
    ➤ We had been waiting for the rain since morning.

2️⃣ किसी कारण के साथ प्रभाव दिखाना (With cause-effect)

  • वह थका हुआ था क्योंकि वह दो घंटे से दौड़ रहा था।
    ➤ He was tired because he had been running for two hours.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Structure:
Subject + had not been + verb (ing)

  • मैंने दो दिन से अभ्यास नहीं किया था।
    ➤ I had not been practicing for two days.
  • वे सुबह से काम नहीं कर रहे थे।
    ➤ They had not been working since morning.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Structure:
Had + subject + been + verb (ing)?

  • क्या वह एक घंटे से सो रहा था?
    Had he been sleeping for an hour?
  • क्या तुम लोग दो दिन से इंतज़ार कर रहे थे?
    Had you been waiting for two days?

🕰️ Since / For का प्रयोग फिर से याद करें:

शब्दउपयोगउदाहरण
Sinceकिसी निश्चित समय सेShe had been crying since 6 a.m.
Forकिसी अवधि के लिएI had been reading for 3 hours.

📌 Keywords (संकेतक शब्द):

⏳ for, since, all day, all night, how long, until then, before, by the time

  • वह सुबह से रो रही थी।
    ➤ She had been crying since morning.
  • जब हम पहुँचे, वे एक घंटे से इंतज़ार कर रहे थे।
    ➤ They had been waiting for an hour when we arrived.

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

प्रकारहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
जारी कार्यवह दो घंटे से पढ़ रहा था।He had been studying for two hours.
कारण/परिणामवह थका हुआ था क्योंकि वह दौड़ रहा था।He was tired because he had been running.
नकारात्मकहम प्रैक्टिस नहीं कर रहे थे।We had not been practicing.
प्रश्नवाचकक्या वे सफर कर रहे थे?Had they been traveling?
समय संकेतकवह सुबह से काम कर रहा था।He had been working since morning.


Simple Future Tense (साधारण भविष्य काल)


🔷 विस्तृत परिभाषा (Elaborated Definition):

Simple Future Tense का प्रयोग उन कार्यों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जो भविष्य में होंगे, यानी अभी नहीं हुए हैं, लेकिन आगे चलकर होने की संभावना, योजना, या निर्णय है।

यह Tense अनिश्चित भविष्य को भी व्यक्त कर सकता है, और साथ ही यह किसी के इरादे, वादे, या अनुमान को भी दिखाता है।

🔸 Structure (रचना):
Subject + will/shall + base form of verb (V1)
👉 आधुनिक अंग्रेज़ी में “will” सभी subjects के साथ प्रयोग होता है।
“Shall” केवल औपचारिक भाषा में “I” और “we” के साथ प्रयोग होता है।


🌟 मुख्य उपयोग (Main Uses):

1️⃣ भविष्य की सामान्य घटनाएं / कार्य

  • मैं कल स्कूल जाऊँगा।
    ➤ I will go to school tomorrow.
  • वह अगली गर्मियों में अमेरिका जाएगी।
    ➤ She will go to America next summer.

2️⃣ तत्काल निर्णय (Immediate decisions)

  • ठीक है, मैं तुम्हें फोन करूंगा।
    ➤ Okay, I will call you.
  • मैं अभी उसकी मदद करूंगा।
    ➤ I will help him right now.

3️⃣ वादा, इच्छा, इरादा या अनुरोध (Promises, Offers, Intentions)

  • मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा।
    ➤ I will always be with you. (Promise)
  • क्या आप मेरी मदद करेंगे?
    Will you help me?
  • मैं दरवाज़ा खोल देता हूँ।
    ➤ I will open the door.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Structure:
Subject + will not (won’t) + base verb

  • मैं पार्टी में नहीं जाऊँगा।
    ➤ I will not go to the party.
    (short form: I won’t go to the party.)
  • वे हमें कॉल नहीं करेंगे।
    ➤ They will not call us.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Structure:
Will + subject + base verb?

  • क्या तुम कल आओगे?
    Will you come tomorrow?
  • क्या वह परीक्षा देगा?
    Will he take the exam?

📌 Keywords (संकेतक शब्द):

⏳ tomorrow, next week, next year, in future, soon, later, in 2026, after a while, someday

  • वह 5 मिनट में आएगा।
    ➤ He will arrive in 5 minutes.
  • मैं अगले सप्ताह यात्रा पर जाऊँगा।
    ➤ I will go on a trip next week.

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

प्रकारहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
सामान्य कार्यमैं कल जाऊँगा।I will go tomorrow.
तत्काल निर्णयमैं अभी फोन करूंगा।I will call now.
वादामैं आपकी मदद करूंगा।I will help you.
नकारात्मकवह नहीं आएगा।He will not come.
प्रश्नवाचकक्या तुम पढ़ोगे?Will you study?


Future Continuous Tense (भविष्य कालीन अपूर्ण काल)

👉 हिंदी में: “मैं कर रहा होऊँगा”, “वे जा रहे होंगे” आदि क्रियाओं के लिए प्रयोग होता है।


🔷 विस्तृत परिभाषा (Elaborated Definition):

Future Continuous Tense उन कार्यों को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है जो भविष्य के किसी निश्चित समय पर चल रहे होंगे
यह Tense यह बताता है कि कोई कार्य भविष्य में एक निश्चित समय पर या किसी दूसरी घटना के दौरान जारी रहेगा।

🔸 Structure (रचना):
Subject + will be + verb (ing)


🌟 मुख्य उपयोग (Main Uses):

1️⃣ भविष्य में किसी निश्चित समय पर जारी क्रिया (Action in progress at a particular future time)

  • कल रात 9 बजे मैं पढ़ रहा होऊँगा।
    ➤ I will be studying at 9 p.m. tomorrow.
  • इस समय कल वह सफर कर रही होगी।
    ➤ She will be traveling at this time tomorrow.

2️⃣ भविष्य की पृष्ठभूमि (Background actions in future)

  • जब तुम आओगे, मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा होऊँगा।
    ➤ When you arrive, I will be waiting for you.
  • हम सब टीवी देख रहे होंगे जब मैच शुरू होगा।
    ➤ We will be watching TV when the match starts.

3️⃣ विनम्रता और औपचारिकता दर्शाने के लिए (Politeness & Formal tone)

  • क्या आप आज शाम हमारे साथ भोजन कर रहे होंगे?
    Will you be dining with us this evening?

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Structure:
Subject + will not be + verb (ing)

  • मैं परीक्षा के समय पढ़ नहीं रहा होऊँगा।
    ➤ I will not be studying at the time of the exam.
  • वे कल काम नहीं कर रहे होंगे।
    ➤ They will not be working tomorrow.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Structure:
Will + subject + be + verb (ing)?

  • क्या वह कल भाषण दे रहा होगा?
    Will he be giving a speech tomorrow?
  • क्या तुम लोग इस समय अभ्यास कर रहे होगे?
    Will you be practicing at this time?

📌 Keywords (संकेतक शब्द):

⏳ tomorrow at 5, this time next week, when, while, during, by this time, next month

  • हम अगली गर्मियों में इस वक्त यात्रा कर रहे होंगे।
    ➤ We will be traveling next summer at this time.
  • जब तुम कॉल करोगे, मैं स्कूल जा रहा होऊँगा।
    ➤ When you call, I will be going to school.

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

प्रकारहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
निश्चित समय पर कार्यमैं 9 बजे पढ़ रहा होऊँगा।I will be studying at 9.
पृष्ठभूमि क्रियाजब तुम आओगे, मैं प्रतीक्षा कर रहा होऊँगा।I will be waiting when you arrive.
विनम्र अनुरोधक्या आप हमारे साथ बैठ रहे होंगे?Will you be sitting with us?
नकारात्मकवे काम नहीं कर रहे होंगे।They will not be working.
प्रश्नवाचकक्या तुम गा रहे होगे?Will you be singing?

बहुत बढ़िया! आइए अब हम Future Tense की तीसरी कड़ी – Future Perfect Tense (भविष्य पूर्ण काल) – को विस्तार से समझते हैं।


Future Perfect Tense (भविष्य पूर्ण काल)

👉 हिंदी में: “मैं कर चुका होऊँगा”, “वह जा चुका होगा”, जैसे भावों को व्यक्त करने के लिए प्रयोग होता है।


🔷 विस्तृत परिभाषा (Elaborated Definition):

Future Perfect Tense का उपयोग उन कार्यों को दर्शाने के लिए किया जाता है जो भविष्य के किसी निश्चित समय से पहले पूरे हो चुके होंगे
यह Tense यह बताता है कि कोई कार्य भविष्य में किसी बिंदु तक समाप्त हो जाएगा।

🔸 Structure (रचना):
Subject + will have + past participle (V3)


🌟 मुख्य उपयोग (Main Uses):

1️⃣ भविष्य में एक निश्चित समय तक कार्य पूरा हो जाना (Action completed before a future time)

  • अगली रात तक मैं यह पुस्तक पढ़ चुका होऊँगा।
    ➤ I will have read this book by tomorrow night.
  • वह अगले सप्ताह तक अमेरिका जा चुका होगा।
    ➤ He will have gone to America by next week.

2️⃣ भविष्य में किसी अन्य कार्य से पहले एक कार्य का पूर्ण हो जाना (Sequence of events)

  • जब तुम आओगे, हम नाश्ता कर चुके होंगे।
    ➤ We will have finished breakfast when you arrive.
  • जब तक शिक्षक आएँगे, छात्र अभ्यास कर चुके होंगे।
    ➤ The students will have practiced before the teacher arrives.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Structure:
Subject + will not have + V3

  • मैं उस समय तक अपना काम पूरा नहीं कर चुका होऊँगा।
    ➤ I will not have completed my work by that time.
  • वे परीक्षा पास नहीं कर चुके होंगे।
    ➤ They will not have passed the exam.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Structure:
Will + subject + have + V3?

  • क्या तुम 10 बजे तक पढ़ाई पूरी कर चुके होगे?
    Will you have finished studying by 10 o’clock?
  • क्या वह यात्रा पूरी कर चुका होगा?
    Will he have completed the journey?

🔠 Important V3 Forms for Revision:

Verb (V1)V2V3
gowentgone
dodiddone
eatateeaten
writewrotewritten
finishfinishedfinished

➡️ हमेशा V3 (Past Participle) का ही प्रयोग किया जाता है।


📌 Keywords (संकेतक शब्द):

⏳ by tomorrow, by then, by next week, before, when, by the time

  • वह अगले महीने तक नौकरी छोड़ चुका होगा।
    ➤ He will have left the job by next month.
  • जब परीक्षा शुरू होगी, मैं सब याद कर चुका होऊँगा।
    ➤ I will have memorized everything before the exam starts.

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

प्रकारहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
भविष्य में पूर्ण कार्यमैं पुस्तक पढ़ चुका होऊँगा।I will have read the book.
पूर्व-पूर्णताजब तक तुम आओगे, वह जा चुका होगा।He will have gone when you arrive.
नकारात्मकवे नहीं पहुँचे होंगे।They will not have arrived.
प्रश्नवाचकक्या वह खा चुका होगा?Will he have eaten?
समय संकेतकअगले रविवार तकBy next Sunday

बहुत सुंदर! अब हम Future Tense की अंतिम कड़ी – Future Perfect Continuous Tense – को विस्तार से समझते हैं।


Future Perfect Continuous Tense (भविष्य पूर्ण अपूर्ण काल)

👉 हिंदी में: “मैं दो घंटे से पढ़ रहा होऊँगा”, “वह सुबह से काम कर रही होगी” जैसे वाक्यों में प्रयोग होता है।


🔷 विस्तृत परिभाषा (Elaborated Definition):

Future Perfect Continuous Tense उन कार्यों को व्यक्त करता है जो भविष्य में किसी समय तक जारी रहेंगे और एक निश्चित समयावधि तक चले होंगे

यह Tense दो बातों को दर्शाता है:

  1. कार्य भविष्य में शुरू होगा या शुरू हो चुका होगा,
  2. और वह कार्य एक निश्चित समय तक चल रहा होगा

🔸 Structure (रचना):
Subject + will have been + verb (ing) + since/for + time


🌟 मुख्य उपयोग (Main Uses):

1️⃣ भविष्य में किसी समय तक जारी रहने वाला कार्य (Action continuing till a future point)

  • अगले महीने तक मैं इस कंपनी में पाँच साल से काम कर रहा होऊँगा।
    ➤ I will have been working in this company for five years by next month.
  • वह सुबह से पढ़ाई कर रही होगी।
    ➤ She will have been studying since morning.

2️⃣ किसी कार्य की अवधि को व्यक्त करना (Emphasizing the duration of a future activity)

  • 8 बजे तक वे दो घंटे से अभ्यास कर रहे होंगे।
    ➤ They will have been practicing for two hours by 8 o’clock.

नकारात्मक वाक्य (Negative Sentences):

🔸 Structure:
Subject + will not have been + verb (ing) + since/for

  • वह शाम से गाना नहीं गा रही होगी।
    ➤ She will not have been singing since evening.
  • मैं चार घंटे से इंतज़ार नहीं कर रहा होऊँगा।
    ➤ I will not have been waiting for four hours.

प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentences):

🔸 Structure:
Will + subject + have been + verb (ing) + since/for?

  • क्या वह दो दिन से यात्रा कर रहा होगा?
    Will he have been traveling for two days?
  • क्या तुम सुबह से काम कर रहे होगे?
    Will you have been working since morning?

🕰️ Since / For का प्रयोग फिर से समझें:

WordUseExample
Sinceकिसी निश्चित समय सेsince 6 a.m., since Monday
Forकिसी अवधि के लिएfor 2 hours, for a week

📌 Keywords (संकेतक शब्द):

⏳ since morning, for two hours, by next week, by 10 p.m., for many years

  • अगले साल तक मैं यह किताब दो बार पढ़ रहा होऊँगा।
    ➤ I will have been reading this book twice by next year.

🧠 सारांश तालिका (Summary Table):

प्रकारहिंदी वाक्यअंग्रेज़ी वाक्य
भविष्य में जारी कार्यवह सुबह से काम कर रही होगी।She will have been working since morning.
अवधि दर्शानामैं दो घंटे से पढ़ रहा होऊँगा।I will have been studying for two hours.
नकारात्मकवे सप्ताह भर से अभ्यास नहीं कर रहे होंगे।They will not have been practicing for a week.
प्रश्नवाचकक्या वह एक घंटे से दौड़ रही होगी?Will she have been running for an hour?

✅ अब आपने Future Tense के सभी चार प्रकारों को पूरी तरह समझ लिया:

Tenseहिंदी पहचानStructure
Simple Futureमैं जाऊँगाwill + V1
Future Continuousमैं जा रहा होऊँगाwill be + V-ing
Future Perfectमैं जा चुका होऊँगाwill have + V3
Future Perfect Continuousमैं जा रहा होऊँगा (से)will have been + V-ing

बहुत बढ़िया! आइए हम सभी 12 Tenses का एकदम साफ़, सुव्यवस्थित और समझने में आसान संपूर्ण सारांश चार्ट (Complete Summary Chart of All 12 Tenses) तैयार करते हैं — जिसमें शामिल होंगे:

🔹 परिभाषा
🔹 हिंदी पहचान
🔹 English Structure
🔹 उदाहरण (Example Sentences)


📘 संपूर्ण Tense सारांश तालिका – All 12 Tenses Summary Chart

Tense No.Tense Nameहिंदी पहचानEnglish Structureउदाहरण (Example)
1Simple Presentवह गाता हैSubject + V1 / V1+s/esHe sings a song.
2Present Continuousवह गा रहा हैSubject + is/am/are + V-ingHe is singing a song.
3Present Perfectवह गा चुका हैSubject + has/have + V3He has sung a song.
4Present Perfect Continuousवह सुबह से गा रहा हैSubject + has/have been + V-ing + since/forHe has been singing since morning.
5Simple Pastवह गयाSubject + V2He went to school.
6Past Continuousवह जा रहा थाSubject + was/were + V-ingHe was going to school.
7Past Perfectवह जा चुका थाSubject + had + V3He had gone to school.
8Past Perfect Continuousवह दो घंटे से जा रहा थाSubject + had been + V-ing + since/forHe had been going for two hours.
9Simple Futureवह जाएगाSubject + will/shall + V1He will go to school.
10Future Continuousवह जा रहा होगाSubject + will be + V-ingHe will be going to school.
11Future Perfectवह जा चुका होगाSubject + will have + V3He will have gone to school.
12Future Perfect Continuousवह दो घंटे से जा रहा होगाSubject + will have been + V-ing + since/forHe will have been going for two hours.

🧠 Quick Key:

  • V1 = Base verb (go, eat, write)
  • V2 = Past verb (went, ate, wrote)
  • V3 = Past participle (gone, eaten, written)
  • V-ing = Present participle (going, eating, writing)

🧑‍🏫 Topic: Determiners

आइए आज Class 9 और 10 के छात्रों के लिए “Determiners” को एक आसान सा examples के साथ सीखते है और सिखाते है । आइए शुरू करते हैं: – Vikash Kumar Hansda


“Determiners are the words used before nouns to tell us which or how many things we are talking about.”


1. Determiner Kya Hota Hai? (What are Determiners?)

🔹 जैसे:

  • This book is interesting.
  • I have some friends.
  • My car is red.
  • She bought many apples.

यहाँ this, some, my, many — ये सब determiners हैं क्योंकि ये noun के पहले आकर हमें उस noun के बारे में जानकारी दे रहे हैं।


📋 2. Types of Determiners (कितने प्रकार के होते हैं?)

TypeExample WordsUsage
Articlesa, an, theIndefinite & Definite
Demonstrativesthis, that, these, thoseदिखाने के लिए
Possessivesmy, your, his, her, its, our, theirस्वामित्व के लिए
Quantifierssome, many, much, few, little, a lot ofमात्रा बताने के लिए
Numbersone, two, three…निश्चित संख्या
Distributiveseach, every, either, neitherएक-एक को या दो में से
Interrogativeswhich, what, whoseप्रश्न पूछने के लिए
Demonstrative Pronoun vs Determinerthis, that etc.जब noun के पहले आता है तो determiner, अकेला होता है तो pronoun

3. Common Confusions and Tricky Differences

📍 Interrogative Sentences vs Interrogative Determiners

ConceptExampleExplanation
Interrogative SentenceWhat is your name?ये पूरा वाक्य है – प्रश्न पूछने वाला।
Interrogative DeterminerWhich book do you want?यहाँ which एक noun (book) से पहले आया है – इसलिए ये determiner है।

💡 Note: Interrogative determiners के बाद हमेशा noun आता है। अगर noun नहीं है, तो वो pronoun है।


📍 A few / Few / A little / Little – क्या अंतर है?

WordNoun TypeMeaningEmotion
FewCountableबहुत कम (लगभग नहीं के बराबर)Negative
A fewCountableकुछ तो हैं (थोड़े लेकिन हैं)Positive
LittleUncountableबहुत कम (लगभग नहीं के बराबर)Negative
A littleUncountableथोड़ी सी मात्रा हैPositive

🔹 Examples:

  • Few people attended the meeting. (बहुत ही कम, दुखजनक)
  • A few people helped me. (कुछ लोगों ने मदद की, खुशी की बात)
  • Little water is left. (पानी लगभग खत्म)
  • A little water is left. (थोड़ा पानी अभी बचा है)

📍 Some vs Any vs A Lot of vs Lots of

WordUseCountable/UncountableSentence
SomeAffirmative, OffersBothI have some friends.
AnyNegative, QuestionsBothDo you have any sugar?
A lot ofLarge amountBothI have a lot of work.
Lots ofInformal of “a lot of”BothShe has lots of friends.

Rule of Thumb:

  • Some: सकारात्मक बातों में
  • Any: प्रश्न या नकारात्मक बातों में
  • A lot of / Lots of: अधिक मात्रा दिखाने के लिए

🔍 4. Error पहचानने का तरीका (How to Spot Errors in Determiners?)

  1. Check Noun Type – Countable या Uncountable?
  2. Sentence का Tone – Positive है या Negative?
  3. Number vs Quantity – निश्चित संख्या है या केवल मात्रा?
  4. Position – क्या determiner noun के ठीक पहले है?
  5. Wrong combinations – जैसे:
  • ❌ Much apples → ✔ Many apples (क्योंकि apples countable हैं)
  • ❌ A lots of sugar → ✔ A lot of sugar (a lots नहीं होता)

🧠 5. कुछ टेढ़े-मेढ़े (Tricky) Determiners और Errors

Wrong SentenceCorrect SentenceReason
He has less friends.He has fewer friends.Friends = countable
I don’t have much apples.I don’t have many apples.Apples = countable
Do you have some milk?Do you have any milk?Questions में “any”
A lots of books are here.A lot of books are here.“A lots of” गलत

6. Practice Time – Fill in the blanks

  1. I have _____________________ money in my wallet. (a little / few)
  2. There are _______________________ books on the table. (many / much)
  3. She has ______________________ friends to help her. (few / a few)
  4. _______________ pen is yours? (Which / What)
  5. We don’t have ________________ time left. (any / some)

🧾 Conclusion:

Determiners कोई कठिन topic नहीं है, बस आपको 3 बातों का ध्यान रखना है:

  • Noun countable है या uncountable?
  • बात positive है या negative?
  • कौन सा determiner सही बैठ रहा है sentence के हिसाब से?

Practice and observation से आप easily error spot कर पाएंगे और सही usage सीख जाएंगे।


✨ The Rise of Nationalism in Europe – एक कहानी राष्ट्रवाद की… (Part 2)

यहाँ Class 10 History Chapter 1 – “The Rise of Nationalism in Europe” का एक Story Format में पूरा विवरण दिया गया है। इसमें सभी घटनाएं sequence-wise, एक कहानी की तरह समझाई गई हैं ताकि छात्रों को रोचकता के साथ पूरा चैप्टर समझ आ जाए।

🔰 प्रस्तावना: एक पेंटिंग, जो बदल दे सोच

साल था 1848। फ्रांसीसी कलाकार Frederic Sorrieu ने एक कल्पनात्मक पेंटिंग बनाई — The Dream of Worldwide Democratic and Social Republics”

उस चित्र में – दुनिया भर के लोग, अलग-अलग देशों के राष्ट्रीय झंडों के साथ आज़ादी की देवी Liberty के पीछे चल रहे थे। हाथ में जलता हुआ मशाल, सिर पर लाल टोपी — यह सब आज़ादी और समानता का प्रतीक था।

बिलकुल! नीचे Class 10 History Chapter 1 के टॉपिक “The Pact Between Nations” से संबंधित पेंटिंग का विवरण एक पैराग्राफ में दिया गया है — जो परीक्षा और समझ दोनों के लिए उपयुक्त है:


“The Pact Between Nations” – पेंटिंग का विवरण:
यह एक काल्पनिक पेंटिंग थी जिसे फ्रांसीसी कलाकार Frédéric Sorrieu ने 1848 में बनाया था। इस पेंटिंग में यूरोप और दुनिया के विभिन्न राष्ट्रों को एक साथ मार्च करते हुए दिखाया गया है, मानो वे “राष्ट्रवाद” के विचार को अपनाकर एक नई दुनिया की ओर बढ़ रहे हों। हर राष्ट्र अपने-अपने राष्ट्रीय झंडों के साथ चित्रित है, जैसे फ्रांस, जर्मनी, इटली, अमेरिका आदि। सबसे आगे फ्रांस है, जो क्रांति का नेतृत्व करता हुआ प्रतीकात्मक रूप से दिखाया गया है। इन झंडों को लहराते हुए लोगों की कतारें इस बात को दर्शाती हैं कि राष्ट्र अब राजाओं के अधीन नहीं, बल्कि लोगों की इच्छा से बनेंगे। पेंटिंग के ऊपर स्वर्ग जैसा दृश्य है, जहाँ स्वर्गदूत और देवी-देवता लोकतंत्र, स्वतंत्रता और भाईचारे का आशीर्वाद दे रहे हैं। यह चित्रण यह संदेश देता है कि राष्ट्रों को आपस में मिलकर, शांति और समानता के सिद्धांतों पर आधारित एक नई दुनिया बनानी चाहिए — यही है “The Pact Between Nations” की कल्पना।


तभी एक सवाल उठा – कब और कैसे लोगों में राष्ट्रवाद आया? क्या पहले ऐसा नहीं था?

आज के जैसे देश (जैसे कि जर्मनी, इटली, फ्रांस) उस समय “राष्ट्र” नहीं थे। वे राजशाही शासन वाले राज्य थे, जहाँ एक राजा पूरे क्षेत्र पर शासन करता था, लेकिन वहां की भाषा, संस्कृति, कानून और मुद्राएं अलग-अलग थीं।

उदाहरण: जर्मनी 39 छोटे राज्यों में बँटा था। इटली कई डचियों और पॉप राज्यों में बँटा था।

लोगों की कोई राष्ट्रीय पहचान नहीं थी। वे राजा की प्रजा थे, देश के नागरिक नहीं।


अब कहानी ले जाती है 1789 की फ्रांस की क्रांति की ओर। यहाँ राष्ट्रीयता का पहला बीज बोया गया।

🎯 क्रांति के बदलाव:

  • Absolute monarchy की जगह आया संवैधानिक शासन
  • राजा अब ईश्वर का प्रतिनिधि नहीं, कानून के अधीन था
  • लोगों को मिला:
    • Speech और Expression की आज़ादी
    • नागरिक अधिकार
    • Equality before law
  • अब “Subject of the king” नहीं, बल्कि Citizen of the Nation बने।


1789 की फ्रांसीसी क्रांति ने फ्रांस ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोप की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को हिला कर रख दिया। इस क्रांति के बाद समाज में बराबरी, स्वतंत्रता और भाईचारे के सिद्धांतों को महत्व मिला। राजशाही की समाप्ति के साथ ही पुरानी विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग-व्यवस्था (क्लर्जी और नोबिलिटी) को खत्म कर दिया गया और अब सभी नागरिक कानून के सामने समान माने गए। फ्यूडल सिस्टम को खत्म किया गया, किसानों को ज़मींदारों की गुलामी से मुक्ति मिली। नेपोलियन के दौर में इन विचारों को यूरोप के अन्य हिस्सों में भी फैलाया गया। क्रांति के बाद राष्ट्रवाद और लोकतंत्र की अवधारणाओं ने जन्म लिया और नागरिकों को अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने की प्रेरणा मिली। कुल मिलाकर, यह क्रांति सामाजिक, राजनीतिक और वैचारिक दृष्टि से यूरोप के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई।


📢 राष्ट्रीयता को बढ़ावा देने वाले कदम:

  • एक जैसी राष्ट्रीय भाषा (French)
  • एक ही झंडा, Hymn, अलंकरण – राष्ट्र का प्रतीक
  • जनता की सेवा को सर्वोच्च धर्म माना गया

लेकिन… यह बदलाव स्थायी नहीं रहा।


1799 में सत्ता में आया Napoleon Bonaparte। उसने खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित किया। उसने यूरोप के कई हिस्सों को जीत लिया और Code Napoleon (1804) लागू किया।

📝 नेपोलियन के सुधार:

  • Feudal system खत्म किया
  • सबके लिए एक कानून
  • संपत्ति का अधिकार
  • व्यापार के लिए मापदंड और मुद्रा

परंतु… उसके साथ सेना और कर वसूली भी आई। लोग आज़ादी से ज्यादा फ्रांस की दखलंदाज़ी से परेशान होने लगे।


नेपोलियन से फ्रांस के लोग क्यों नफरत करने लगे:
शुरुआत में नेपोलियन को फ्रांस के लोग एक महान नेता और क्रांति के विचारों का रक्षक मानते थे, लेकिन जैसे-जैसे उसका शासन आगे बढ़ा, वह धीरे-धीरे तानाशाही की ओर बढ़ने लगा। उसने खुद को सम्राट घोषित कर दिया, जिससे लोगों को लगा कि वह उन्हीं राजाओं की तरह बन गया है जिनके खिलाफ क्रांति हुई थी। उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल दिया, प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी और अपने विरोधियों को जेल में डालना शुरू कर दिया। इसके अलावा, लगातार युद्धों ने फ्रांस की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया, और हजारों युवाओं को सेना में जबरन भर्ती किया गया, जिससे लोगों में गुस्सा बढ़ा। अंततः नेपोलियन की शक्ति की भूख और सैन्य विस्तारवाद ने उसे उसी शासक वर्ग में ला खड़ा किया जिससे फ्रांस की जनता ने आज़ादी पाने के लिए संघर्ष किया था — और इसलिए लोग उससे नफरत करने लगे।

अब राष्ट्रवाद एक विद्रोह और संघर्ष का रूप लेने लगा।


अब कहानी पहुँचती है उन बुद्धिजीवी मध्यवर्ग तक — वकील, डॉक्टर, प्रोफेसर, व्यापारी — जिन्होंने शिक्षा के ज़रिए राष्ट्र की कल्पना शुरू की।

उनका सपना था – एक ऐसा देश:

  • जहाँ समानता हो
  • नागरिकों के अधिकार हों
  • और राष्ट्र राजा नहीं, जनता की इच्छा से चले

इन विचारों ने जन्म दिया कई क्रांतिकारियों को…


👤 Giuseppe Mazzini – इटली का क्रांतिकारी

  • मानता था कि राष्ट्र ईश्वर की रचना है
  • राजा नहीं, जनता को सत्ता मिलनी चाहिए
  • बनाया संगठन Young Italy और Young Europe

उसकी सोच थी: राजा हटाओ, राष्ट्र बनाओ


🏫 Giuseppe Mazzini का परिचय और पृष्ठभूमि:

Giuseppe Mazzini एक महान इतालवी राष्ट्रवादी क्रांतिकारी थे, जिनका जन्म 1807 में इटली के जिनोआ शहर में हुआ था। वे एक बुद्धिजीवी, लेखक और राजनीतिक विचारक थे, जिन्होंने यूरोप में राष्ट्रवाद और लोकतंत्र की भावना को एक नई दिशा दी। उन्होंने यह विश्वास किया कि राष्ट्र ईश्वर की इच्छा से बनते हैं और प्रत्येक राष्ट्र को एक स्वतंत्र गणराज्य होना चाहिए। उनका मानना था कि राजशाही और साम्राज्यवादी शासन, इंसान की आज़ादी और बराबरी के खिलाफ हैं।


🏛️ युवा क्रांतिकारी संगठन – ‘Young Italy’ और ‘Young Europe’:

Mazzini ने सबसे पहले युवाओं को जागरूक करने और संगठित करने के लिए 1831 में ‘Young Italy’ नामक संगठन की स्थापना की। यह एक गुप्त क्रांतिकारी संगठन था, जिसका उद्देश्य इटली को विदेशी सत्ता (जैसे ऑस्ट्रिया) से मुक्त कराकर उसे एक संयुक्त गणराज्य (United Republic) बनाना था। इसके बाद 1834 में उन्होंने यूरोप के अन्य देशों में राष्ट्रवादी भावनाओं को जगाने के लिए ‘Young Europe’ की शुरुआत की। इसका उद्देश्य पूरे यूरोप में राष्ट्रों को एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक रूप में स्थापित करना था।


राजतंत्र और साम्राज्यवाद का विरोध:

Mazzini ने ज़ोर दिया कि राजाओं और राजतंत्रों के अंत के बिना किसी भी राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं है। वे ऑस्ट्रिया के इटली पर अधिकार, जर्मन राजकुमारों की आपसी राजनीति और फ्रांसीसी सम्राट के विस्तारवादी रवैये का खुलकर विरोध करते थे। उनका मानना था कि केवल जनता की शक्ति से ही एक सच्चे राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। इसीलिए उन्होंने जनता को राजनीतिक रूप से जागरूक करने का कार्य किया।


🌍 Mazzini का प्रभाव पूरे यूरोप पर:

Giuseppe Mazzini केवल इटली के ही क्रांतिकारी नहीं थे, बल्कि उनके विचारों ने पूरे यूरोप के युवाओं और क्रांतिकारियों को प्रेरित किया। उनके संगठन ‘Young Europe’ में पोलैंड, फ्रांस, स्विट्जरलैंड और जर्मनी के राष्ट्रवादी युवा शामिल हुए। Mazzini की सोच यह थी कि अगर यूरोप के राष्ट्रवादी मिलकर एकजुट हो जाएं, तो राजतंत्र और साम्राज्यवाद को जड़ से खत्म किया जा सकता है।


👑 राजशाही सरकारों की नजरों में खतरा:

Mazzini की बढ़ती लोकप्रियता और उनके विचारों के प्रभाव को देखकर यूरोप की राजशाही सरकारें उन्हें एक खतरनाक व्यक्ति मानने लगी थीं। ऑस्ट्रिया के तत्कालीन चांसलर Metternich ने उन्हें खुले तौर पर “Europe’s Most Dangerous Enemy” कहा। राजतंत्रों को डर था कि Mazzini के विचारों से जनता जागरूक हो जाएगी और उनके साम्राज्य गिर जाएंगे।


🏁 Giuseppe Mazzini की विरासत:

हालाँकि Mazzini स्वयं अपने जीवनकाल में इटली को एकीकृत नहीं कर पाए, लेकिन उनके विचारों और आंदोलनों ने इटली की एकता की नींव रखी। आगे चलकर Giuseppe Garibaldi और Count Cavour जैसे नेताओं ने Mazzini के विचारों को आगे बढ़ाकर इटली को एक संयुक्त राष्ट्र बना दिया। Mazzini का योगदान आज भी राष्ट्रवाद और लोकतंत्र के इतिहास में एक प्रेरणास्रोत के रूप में याद किया जाता है।

यूरोप की सरकारें उससे डरने लगीं। पर युवाओं को उसकी बातों ने प्रेरित किया।


🔥 1830 की क्रांति:

  • फ्रांस में Bourbon राजा हटे
  • Louis Philippe बना राजा — “जनता का राजा”
  • बेल्जियम ने खुद को नीदरलैंड से अलग किया

💥 1848 की क्रांति:

  • फ्रांस में फिर विद्रोह – अब राजशाही को पूरी तरह खत्म किया गया
  • माँग थी:
    • Universal suffrage
    • कामगारों के अधिकार

साथ ही:

  • जर्मन और इटालियन राज्यों में यूनिटी की माँग
  • हंगरी और बोहेमिया के स्लाव लोगों ने स्वतंत्रता की माँग की

हालाँकि इन विद्रोहों को राजशाही ने कुचल दिया, पर राष्ट्रवाद का बीज और गहरा हो गया।

बिलकुल! नीचे 1830 और 1848 की क्रांतियों का विवरण एक कहानी शैली (story style) में क्रमबद्ध पैराग्राफ़्स के रूप में दिया गया है, ताकि छात्र इसे रोचक ढंग से समझ सकें और याद रख सकें:


🔥 1830 की क्रांति – चिंगारी जो फैली पूरे यूरोप में

साल था 1830। फ्रांस में चार्ल्स X ने एक बार फिर से राजशाही को मजबूत करने की कोशिश की। उसने संसद भंग कर दी, प्रेस की आज़ादी छीन ली और चुनाव अधिकार सीमित कर दिए। लेकिन जनता अब वो पुरानी जनता नहीं रही थी — फ्रांसीसी क्रांति के बीज अब फूट चुके थे। पेरिस की सड़कों पर फिर से जनता उतरी, और देखते ही देखते विद्रोह की लहर दौड़ गई। चार्ल्स X को भागना पड़ा, और लुई फिलिप को ‘जनता का राजा’ घोषित किया गया

फ्रांस की इस क्रांति की चिंगारी पूरे यूरोप में फैल गई। बेल्जियम, जो उस समय नीदरलैंड का हिस्सा था, उसने भी 1830 में विद्रोह कर दिया और एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। इटली और जर्मनी में भी छोटे-छोटे राजाओं और विदेशी शासन के खिलाफ बगावतें हुईं। लोगों की आंखों में अब एक सपना था — अपना राष्ट्र, अपनी सरकार।


💥 1848 की क्रांति – जब सपना बना तूफ़ान

सिर्फ 18 साल बाद, साल आया 1848, जिसे यूरोप में क्रांति का साल” कहा जाता है। इस बार विद्रोह और आंदोलन सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक भी थे।
खासकर मध्यम वर्ग और किसान-श्रमिक वर्ग में गुस्सा था। एक तरफ नौजवान राष्ट्र चाहते थे, दूसरी तरफ गरीब और मजदूर रोटी, रोजगार और समानता की मांग कर रहे थे।

फ्रांस में एक बार फिर क्रांति हुई — लुई फिलिप की सरकार को गिरा दिया गया और फ्रांस में गणराज्य की घोषणा कर दी गई। जर्मनी में Frankfurt Parliament बुलाई गई, जिसमें पूरे जर्मन राज्यों से प्रतिनिधि आए और उन्होंने एकता और संविधान की मांग रखी। हालाँकि यह प्रयास विफल रहा क्योंकि राजकुमारों ने इसे मानने से इनकार कर दिया।

इटली में भी विद्रोह हुआ — Giuseppe Mazzini और अन्य राष्ट्रवादियों ने कई हिस्सों में विद्रोह किया, लेकिन ऑस्ट्रियाई सेनाओं ने इन्हें कुचल दिया। हंगरी और चेक गणराज्य में भी लोगों ने ऑस्ट्रिया से आज़ादी की मांग की।


⚔️ परिणाम – उम्मीदें टूटीं लेकिन बीज बो दिए गए

1848 की ये क्रांतियाँ ज्यादातर जगहों पर असफल रहीं। राजशाही ने फिर से अपनी ताकत जमा ली, आंदोलन कुचल दिए गए, और जनता को फिर से चुप करा दिया गया। लेकिन यह असफलता स्थायी नहीं थी। इन क्रांतियों ने पूरे यूरोप में राष्ट्रवाद और लोकतंत्र के बीज बो दिए, जो आगे चलकर इटली और जर्मनी की एकता, और कई देशों में लोकतांत्रिक शासन की स्थापना का आधार बने।


अब कहानी पहुँचती है राष्ट्रों के वास्तविक निर्माण तक – ख़ासकर जर्मनी और इटली में।

जर्मनी का एकीकरण: (Unification of Germany)

  • नेतृत्व में था Otto von Bismarck (Prussian Chancellor)
  • 1864 – डेनमार्क से युद्ध
  • 1866 – ऑस्ट्रिया से युद्ध
  • 1870 – फ्रांस से युद्ध
  • 1871 – Versailles में जर्मन साम्राज्य की घोषणा

राजा विलियम-I बने Kaiser।

जर्मनी का निर्माण “iron and blood” से हुआ।


🏰 एक राजा, एक सपना – जर्मनी की कहानी…” (Short story of Unification of Germany)

यूरोप के बीचों-बीच एक विशाल ज़मीन थी जिसे लोग “जर्मन क्षेत्र” कहते थे। लेकिन वहाँ कोई एक राजा नहीं था, कोई एक झंडा नहीं था। बल्कि वहाँ 39 छोटे-छोटे राज्य थे — जैसे हर राज्य अपनी ही दुनिया में जी रहा हो। कोई ऑस्ट्रिया के अधीन था, कोई प्रशिया के, और कोई अपनी ही सत्ता चला रहा था।

लोगों का सपना था — “काश हम सब एक होते! हमारा भी एक ही झंडा होता, एक ही सरकार होती… और हम गर्व से कहते, हम जर्मन हैं!
लेकिन ये सपना अधूरा था… जब तक कि एक तेज दिमाग और लोहे जैसे इरादों वाला इंसान इस धरती पर नहीं आया।

उसका नाम था ओटो वॉन बिस्मार्क — एक चालाक, धैर्यवान और साहसी प्रशियाई मंत्री।
वो कहता था, बोलने से देश नहीं बनते… देश बनते हैं तलवार और हिम्मत से!”

और फिर शुरू हुई एक जबरदस्त योजना — एकीकरण की योजना। बिस्मार्क ने सोचा, “अगर मुझे इन 39 बिखरे राज्यों को एक करना है, तो मुझे तीन युद्ध जीतने होंगे…”

पहला युद्ध उसने डेनमार्क से लड़ा — दो छोटे राज्य जीत लिए: Schleswig और Holstein।
दूसरे युद्ध में उसने ऑस्ट्रिया को हराया — और जर्मनी से उसका असर खत्म कर दिया।
तीसरे युद्ध में उसने फ्रांस को हराया — और इस युद्ध ने पूरे जर्मन लोगों को एक झंडे के नीचे ला खड़ा किया।

और फिर, 1871 का साल आया…
फ्रांस की राजधानी पेरिस के पास Versailles के महल में, सारे जर्मन राजा इकट्ठा हुए। वहाँ प्रशिया के राजा विलियम I को “German Emperor” घोषित किया गया।

लोगों की आँखों में आँसू थे — ये आँसू दुःख के नहीं, गर्व के थे।
अब वो कह सकते थे — हम एक हैं… हम जर्मनी हैं।

इस तरह एक इंसान की सोच, उसकी नीति, और लोगों के दिलों में छिपे राष्ट्रवाद ने एक पूरे देश को जन्म दिया — जर्मनी, जो आने वाले समय में एक शक्तिशाली राष्ट्र बना।

ओटो वॉन बिस्मार्क को आज भी याद किया जाता है — लौह चांसलर” (Iron Chancellor) के नाम से।


🏰 बिखरा हुआ जर्मनी (Detailed Explained – Unification of Germany)

19वीं शताब्दी की शुरुआत में जर्मनी एक एकीकृत देश नहीं था। यह लगभग 39 छोटे-छोटे राज्यों में बँटा हुआ था, जिन्हें German Confederation कहा जाता था। इन राज्यों में सबसे शक्तिशाली राज्य था प्रशिया (Prussia)। जर्मन लोगों में एक राष्ट्र बनने की इच्छा थी, लेकिन राजनीतिक रूप से वे अलग-अलग शासकों के अधीन थे और उनमें एकता का अभाव था।


राष्ट्रवाद और Frankfurt Parliament का प्रयास

1848 की क्रांति के दौरान, जर्मन राष्ट्रवादियों ने एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने Frankfurt Parliament में सभी जर्मन राज्यों के प्रतिनिधियों को बुलाया और एक संवैधानिक राष्ट्र बनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने काइज़र विलियम IV को जर्मनी का राजा बनने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उसने यह कहकर इंकार कर दिया कि वह “जनता के द्वारा दिया गया ताज” स्वीकार नहीं करेगा। यह प्रयास विफल रहा, लेकिन इसने राष्ट्रीय एकता की भावना को और मजबूत कर दिया।


Bismarck का नेतृत्व – लौह और रक्त की नीति


🔥 तीन निर्णायक युद्ध – एकीकरण की सीढ़ियाँ

बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण के लिए तीन युद्धों की रणनीति अपनाई:

  1. 1864 – डेनमार्क के खिलाफ युद्ध:
    बिस्मार्क ने ऑस्ट्रिया के साथ मिलकर डेनमार्क पर हमला किया और Schleswig और Holstein नामक दो राज्यों को जीत लिया। इससे जर्मन राज्यों की एकता की नींव पड़ी।
  2. 1866 – ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध (Austro-Prussian War):
    इस युद्ध में प्रशिया ने ऑस्ट्रिया को हराकर उसे German Confederation से बाहर कर दिया। इसके बाद उत्तर जर्मन राज्यों को मिलाकर North German Confederation बनाई गई, जो अब प्रशिया के नेतृत्व में था।
  3. 1870 – फ्रांस के खिलाफ युद्ध (Franco-Prussian War):
    बिस्मार्क ने फ्रांस को युद्ध के लिए उकसाया और फिर जबरदस्त तरीके से हराया। इस जीत से दक्षिण जर्मन राज्य भी प्रशिया के साथ जुड़ गए। फ्रांस की हार ने जर्मन राष्ट्रवादियों को एकजुट कर दिया।

👑 1871 – एकीकृत जर्मन साम्राज्य की घोषणा

1871 में, फ्रांस की राजधानी पेरिस के बाहर स्थित वर्साय महल में, सभी जर्मन राज्यों के शासकों ने काइज़र विलियम I को ‘German Emperor’ घोषित किया। इसी के साथ जर्मनी एक एकीकृत राष्ट्र बन गया।


निष्कर्ष – बिस्मार्क की रणनीति और राष्ट्रवाद की जीत

जर्मनी का एकीकरण युद्ध, रणनीति और राष्ट्रवाद के मेल से हुआ। ओटो वॉन बिस्मार्क की राजनीतिक चतुराई और सैन्य नीति ने उसे संभव बनाया। यह एकीकरण यूरोप की राजनीति को बदल देने वाली घटना थी, जिसने आने वाले समय में जर्मनी को एक शक्तिशाली साम्राज्य बना दिया।


इटली का एकीकरण: (Unification of Italy)

  • मुख्य नेता: Giuseppe Garibaldi (लाल कमीज़ वाला सैनिक)
  • उत्तर में काम किया Count Cavour ने
  • 1861 में इटली एकजुट हुआ
  • 1870 में रोम भी शामिल हुआ और Rome बनी राजधानी

 इटली का विभाजन – कौन कहां राज करता था?

19वीं सदी की शुरुआत में इटली एक राष्ट्र नहीं था, बल्कि कई हिस्सों में राजनीतिक रूप से बंटा हुआ था:

  1. उत्तरी इटली (Northern Italy) – इस पर ऑस्ट्रिया का सीधा नियंत्रण था। खासकर लोम्बार्डी और वेनिशिया जैसे क्षेत्र ऑस्ट्रियन साम्राज्य के अधीन थे।
  2. मध्य इटली (Central Italy) – यहाँ पोप (Pope) का राज था, जिसे “Papal States” कहते थे। यानी यहाँ धर्म के नाम पर शासन होता था और यह क्षेत्र सीधे वेटिकन के अधीन था।
  3. दक्षिणी इटली (Southern Italy) – यहाँ Bourbon राजवंश का शासन था, जो स्पेन के राजा से जुड़ा हुआ था।
  4. Piedmont-Sardinia (पश्चिमोत्तर हिस्सा) – यह एकमात्र स्वतंत्र राज्य था, जहां राजा Victor Emmanuel II और उनके प्रधानमंत्री Count Cavour राज करते थे।

Unification की प्रक्रिया

Count Cavour को पता था कि इटली को एक करने के लिए सबसे पहले ऑस्ट्रिया को हटाना पड़ेगा।
इसलिए उसने फ्रांस (Napoleon III) से गुप्त समझौता किया और 1859 में ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध लड़ा।
इसमें ऑस्ट्रिया को हराया गया और उत्तरी इटली के कई हिस्से Piedmont में शामिल हो गए।

इस जीत से उत्साहित होकर मध्य इटली (जहाँ पोप का शासन था) में भी लोगों ने विद्रोह कर दिया।
अब चूँकि फ्रांस पोप को सुरक्षा दे रहा था, Cavour ने सावधानी से कूटनीति अपनाई। लेकिन जैसे ही जनता ने आंदोलन शुरू किया, पोप के पास कोई विकल्प नहीं बचा और मध्य इटली के कई हिस्से खुद-ब-खुद Piedmont में मिल गए।

अब बारी थी दक्षिण की — यानी सिसिली और नेपल्स, जो Bourbon राजा के अधीन थे।
यहाँ Giuseppe Garibaldi ने अपने “लाल कोटधारी” साथियों (Red Shirts) के साथ हमला बोला और जनता के समर्थन से Bourbon राजवंश को हरा दिया।
लेकिन Garibaldi ने यह क्षेत्र खुद अपने पास रखने के बजाय सीधे जाकर Victor Emmanuel II को सौंप दिया।

अब केवल Rome ही बचा था, जो अभी भी पोप के अधीन था और फ्रांस की सेनाएं उसकी सुरक्षा में तैनात थीं।
लेकिन 1870 में जब फ्रांस ने प्रशिया (जर्मनी) से युद्ध शुरू किया, तो उन्हें अपनी सेना वापस बुलानी पड़ी।
यह सुनहरा मौका था — और इटली की सेना ने Rome पर कब्जा कर लिया।
Rome अब इटली की राजधानी बना दिया गया।


निष्कर्ष – एकजुट इटली

  • 1861 में Victor Emmanuel II को “King of United Italy” घोषित किया गया।
  • 1870 तक Rome भी शामिल हो गया, और Italy एक पूर्ण राष्ट्र बन गया।
  • Austria को युद्ध में हराया गया,
  • Bourbon राजा को Garibaldi ने हरा दिया,
  • और Pope ने अंततः डर और दबाव में Rome छोड़ दिया, जब फ्रांस ने उसे सुरक्षा देना बंद किया।

  • ब्रिटेन में कोई क्रांति नहीं, बल्कि धीरे-धीरे संसदीय कानूनों और सांस्कृतिक एकता से राष्ट्र बना
  • परंतु यहाँ Irish लोगों की पहचान को दबा दिया गया

अब राष्ट्र को एक मानवीय रूप में दिखाया जाने लगा।

  • राष्ट्र को स्त्री के रूप में – जैसे:
    • फ्रांस में Marianne
    • जर्मनी में Germania
  • उन्होंने पहन रखी थी:
    • लाल टोपी (आज़ादी)
    • तलवार (सत्ता)
    • जैतून की माला (शांति)

नक्शों, झंडों, गानों और मूर्तियों से राष्ट्र की कल्पना” को जन-जन तक पहुंचाया गया


यही राष्ट्रवाद आगे चलकर दूसरे देशों की नफरत और उपनिवेशवाद का कारण भी बना।

यूरोप के बड़े राष्ट्र – जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी – अब राष्ट्रवाद के नाम पर दूसरों पर शासन करने लगे।

यही भावना आगे चलकर बनी WW-I (1914) की वजह।


निष्कर्ष: राष्ट्रवाद – वरदान या अभिशाप?

तो दोस्तों, राष्ट्रवाद एक ऐसी ज्वाला थी जो लोगों को आज़ादी दिला सकती थी – लेकिन वही अगर नियंत्रण से बाहर हो, तो बन जाती है युद्ध की आग।

Class 10 के इस अध्याय ने हमें यह सिखाया कि:

“राष्ट्र सिर्फ नक्शे पर बने हुए देश नहीं होते – वे एक सोच, एक संघर्ष और एक कल्पना से बनते हैं।”


“French Revolution” – इतिहास की सबसे डरावनी क्रांति


बहुत साल पहले की बात है, यूरोप के एक समृद्ध लेकिन दुखी देश फ्रांस में एक राजा रहता था — लुई सोलहवां। उसकी उम्र ज़्यादा नहीं थी, लेकिन उसके सिर पर एक ऐसा ताज था, जो पूरे फ्रांस की तक़दीर तय करता था। लोग उसके आगे झुकते थे, लेकिन दिलों में चुपचाप सवाल उठते थे – “क्या यही इंसाफ है?”

लुई कोई युद्धप्रिय राजा नहीं था, पर एक समय अमेरिका में आज़ादी की लड़ाई छिड़ी। अमेरिका के 13 उपनिवेश ब्रिटिश हुकूमत से आज़ादी चाहते थे, और फ्रांस ने उनका साथ दिया। लुई ने बड़े गर्व से पैसे, हथियार, सैनिक सब भेजे। उसने सोचा – अगर ब्रिटेन को हार मिलेगी, तो फ्रांस की जीत होगी। और जीत तो मिली… अमेरिका आज़ाद हो गया। लेकिन साथ ही फ्रांस की तिजोरी खाली हो गई।

राजा ने युद्ध में इतना खर्च कर डाला कि पूरा देश कर्ज़ में डूब गया। और इस कर्ज़ का बोझ राजा ने खुद नहीं उठाया — उसने फैसला लिया कि टैक्स बढ़ा दिया जाए। पर टैक्स किस पर? वही तीसरे एस्टेट के लोग — गरीब किसान, मजदूर, कारीगर — जिनके पास पहले से ही कुछ नहीं था।

राजा के महल वर्साय की दीवारें सोने जैसी चमकती थीं। झूमर लटकते थे, हजारों नौकर चाकरी करते थे, और रानी मैरी एंटोनेट हर पार्टी में हजारों फ़्रैंक की पोशाक पहनती थी। जब देश के लोग भूख से तड़प रहे थे, तब वर्साय में महफिलें सज रही थीं।

राजा ने टैक्स वसूलने के लिए दबाव बनाया। लेकिन अब लोग जाग चुके थे। रूसो, मोंटेस्क्यू और लॉक जैसे विचारकों की बातें अब हर फ्रांसीसी के मन में गूंजने लगी थीं — “सत्ता जनता के हाथ में होनी चाहिए”, “हर व्यक्ति समान है”, और “राजा का अधिकार ईश्वर नहीं, संविधान से आना चाहिए।”

1789 में राजा ने टैक्स बढ़ाने के लिए ‘स्टेट्स जनरल’ की बैठक बुलाई। तीनों एस्टेट्स को बुलाया गया, लेकिन फिर वही भेदभाव। तीसरे एस्टेट को बराबरी का हक़ नहीं मिला। वे भड़क उठे। गुस्से में उन्होंने बैठक से बाहर निकलकर खुद को “नेशनल असेंबली” घोषित कर दिया और टेनिस कोर्ट में जाकर कसम खाई — जब तक फ्रांस को नया संविधान नहीं मिलेगा, वे पीछे नहीं हटेंगे।

अब सड़कों पर क्रांति की आग फैल चुकी थी। लोगों ने 14 जुलाई 1789 को ‘बास्तील’ नाम की कुख्यात जेल पर हमला कर दिया। बास्तील उस शासन का प्रतीक थी जिसमें राजा सब कुछ था और जनता कुछ नहीं। भीड़ ने जेल को ढहा दिया, कैदियों को छुड़ाया और यह दिन फ्रांसीसी क्रांति का जन्मदिन बन गया।

Common people storming in King's palace - Early Morning 1789

राजा लुई सोलहवां को जनता ने उस दिन माफ़ नहीं किया जब उन्होंने देखा कि भूख से बिलखती भीड़ के लिए उनके पास कोई उत्तर नहीं है, पर खुद के लिए उन्होंने महल में दावतें सजाई थीं। और जब उन्होंने देश से भागने की कोशिश की — तभी जनता को यकीन हो गया कि राजा अब देशद्रोही है।

एक रात लुई और मैरी एंटोनेट चुपचाप महल से बाहर निकले। वे साधारण कपड़ों में थे, उनकी बग्घी एक सामान्य सी दिखने वाली थी, और उनके चेहरे पर घबराहट साफ झलक रही थी। पर रास्ते में, एक जगह एक पोस्टमास्टर ने उन्हें पहचान लिया। कहा जाता है कि उसने राजा का चेहरा पुराने सिक्कों पर देख रखा था। बस… खबर आग की तरह फैल गई। राजा और रानी को पकड़ लिया गया और पेरिस लाया गया। अब वे कैदी थे — वही राजा और रानी जिनके सामने कभी लोग सिर झुकाकर चलते थे, अब बंद गाड़ी में भीड़ के बीच घिरे हुए थे।

फ्रांस की नवनिर्मित असेंबली में बहसें चलीं — क्या राजा को सिर्फ पद से हटाना काफी है या उसे देशद्रोही मानकर सज़ा दी जानी चाहिए?
बहुमत ने कहा — अगर एक साधारण आदमी देश से गद्दारी करे तो उसे मौत मिलती है, तो राजा क्यों बच जाए?”

21 जनवरी 1793 की सुबह… ठंडी हवा में कुछ असामान्य हलचल थी। हजारों लोग सड़कों पर जमा थे। हर कोई खामोश था, पर उनकी आंखों में एक बात साफ थी — आज फैसला होगा।

राजा को जेल से निकाला गया। सफेद कपड़े पहने, चेहरा शांत था, लेकिन आंखों में पश्चाताप की लहर थी। उसने आखिरी बार लोगों की ओर देखा और कहा —
मैं निर्दोष हूँ… मैं फ्रांस का भला चाहता था।”

पर किसी ने कुछ नहीं सुना।

उसे एक ऊँचे मंच पर ले जाया गया, जहां एक गिलोटीन तैयार था — वही लोहे की मशीन जो एक झटके में सिर अलग कर देती थी। भीड़ सांस रोककर देख रही थी।
कुछ ही सेकंड लगे। मशीन गिरी… और राजा लुई सोलहवां का सिर नीचे गिर गया।

कोई ताली नहीं बजी, कोई शोर नहीं हुआ — बस एक गहरी चुप्पी थी, जिसमें एक पूरा युग खत्म हो गया था।

अब बारी थी उसकी पत्नी की — मैरी एंटोनेट की।

रानी को पुरुषों के कपड़े पहना दिए गए, बाल काट दिए गए — ताकि गिलोटीन में फंसे नहीं। उसे उसी रास्ते से ले जाया गया जिससे कभी वह रथों में बैठकर हज़ारों लोगों का अभिवादन लिया करती थी।
अब वही लोग थे, पर कोई सलाम नहीं कर रहा था — बस घूर रहे थे।

16 अक्टूबर 1793 —
मैरी एंटोनेट की भी वही सजा हुई।
एक रानी, जिसकी मुस्कान पर देश थिरकता था, वो अब अकेली, असहाय, और पूरी तरह टूटी हुई थी।
उसने कहा —
मैंने देश को कभी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहा… लेकिन शायद मैं समझ न सकी कि मेरे लोगों की पीड़ा कितनी गहरी है।”

गिलोटीन फिर चला।
और उस दिन सिर्फ एक सिर नहीं गिरा, बल्कि एक पूरा साम्राज्य ज़मीन पर आ गिरा

राजा के बाद देश की बागडोर एक नेता रॉब्सपियर ने संभाली। उसने कहा, “क्रांति को सुरक्षित रखने के लिए ज़रूरी है कि दुश्मनों को मिटा दिया जाए।” और फिर शुरू हुआ – आतंक का शासन। जो भी सरकार के खिलाफ बोला, गिलोटीन पर चढ़ा दिया गया। हजारों लोगों की गर्दनें कट गईं। जनता जो आज़ादी चाहती थी, वह डर में बदल गई।

आखिरकार लोगों ने रॉब्सपियर को भी खत्म कर दिया। अब पांच लोगों की एक समिति बनी – डायरेक्ट्री – लेकिन वे आपस में ही उलझते रहे। फ्रांस को एक मज़बूत नेतृत्व की ज़रूरत थी। और ऐसे ही समय एक नौजवान सैनिक की आवाज़ उभरी — नेपोलियन बोनापार्ट

Napolean in his young age with his army.

नेपोलियन एक सामान्य परिवार से था। वह सेना में भर्ती हुआ, और अपनी बहादुरी से धीरे-धीरे आगे बढ़ा। उसकी चालाकी, समझदारी और जोश ने लोगों का दिल जीत लिया। 1799 में उसने सत्ता अपने हाथ में ले ली। उसने खुद को प्रथम कौंसल” घोषित किया और बाद में सम्राट” बन बैठा।

लेकिन नेपोलियन वैसा राजा नहीं था जैसा लुई था। उसने बहुत सारे सुधार किए — स्कूलों की व्यवस्था सुधारी, नए कानून बनाए, टैक्स व्यवस्था को सरल बनाया, और “नेपोलियन संहिता” (Napoleonic Code) बनाई जिसे बाद में कई देशों ने अपनाया। उसने यूरोप के कई देशों पर चढ़ाई कर दी और फ्रांस को महाशक्ति बना दिया।

पर सत्ता का नशा बड़ा ख़तरनाक होता है। नेपोलियन ने रूस पर हमला कर दिया — और यही उसकी सबसे बड़ी भूल बन गई। हज़ारों सैनिक बर्फ में मर गए, सेना बिखर गई। दुश्मन देशों ने उसका साथ छोड़ दिया और उसे कैद कर लिया गया।

कुछ समय बाद नेपोलियन फिर से लौटा, और एक बार फिर सत्ता में आया — लेकिन ज्यादा दिन नहीं टिक पाया। वाटरलू की लड़ाई में उसकी अंतिम हार हुई और उसे फिर से एक टापू पर निर्वासित कर दिया गया। वहीं, अकेलेपन में, वह मर गया।

नेपोलियन चला गया, राजा भी चला गया, लेकिन जो विचार क्रांति के दौरान पैदा हुए थे — आज़ादी, समानता और भाईचारा — वे अब फ्रांस के हर दिल में बस चुके थे। और यही विचार पूरे यूरोप में फैल गए।

एक गरीब, भूखे, टूटा हुआ देश, जिसने कभी अपने राजा के सामने सिर झुकाया था — उसी देश ने यह साबित कर दिया कि अगर जनता जाग जाए, तो कोई ताज हमेशा नहीं टिकता

और इस तरह खत्म हुई एक ऐसी कहानी, जो सिर्फ फ्रांस की नहीं थी — वो हर उस इंसान की थी जो कभी चुप था, लेकिन फिर बोल उठा – अब और नहीं।”


आपने क्या सीखा ?

  • लुई सोलहवें द्वारा अमेरिका की स्वतंत्रता में मदद और उसपर खर्च
  • देश पर कर्ज़
  • टैक्स बढ़ाना और राजा के शाही खर्च
  • बास्तील पर हमला
  • संविधान और अधिकारों की घोषणा
  • राजा-रानी की मृत्यु
  • रॉब्सपियर और आतंक का शासन
  • नेपोलियन का बचपन, उदय, सुधार, और पतन

“ताजों को गिराने का हौसला रखती है,
भूखे पेटों में भी चिंगारी जलती है।
जिनके पास कुछ नहीं, वही सबसे बड़ा सवाल होते हैं,
संघर्ष जब बोलता है, तो सिंहासन डोलते हैं।”

– Vikash Kumar Hansda

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Vikash Kumar Hansda

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“French Revolution” – इतिहास की सबसे डरावनी क्रांति

आखिरी पन्ना

सुबह के छह बज रहे थे। शहर अभी जाग ही रहा था, लेकिन चौधरी मोहल्ले की एक गली में उस सुबह असामान्य भीड़ जमा थी। कुछ लोग मोबाइल पर वीडियो बना रहे थे, कुछ फुसफुसा रहे थे, और कुछ बस चुपचाप स्तब्ध खड़े थे। भीड़ के बीच एक 17 साल का लड़का का लाश खून से लथपथ जमींन पर पड़ा हुआ था, पूछने पर पता चला की लड़का का नाम — आरव था जो अपने ही मकान की छत से नीचे गिरा पड़ा था। शरीर से खून बह रहा था, और उसकी आंखें अब भी खुली थीं… जैसे कुछ कहना चाहती थीं।

कुछ ही पल में पुलिस भी आई गयी थी, उन्होंने लाश को उठा कर स्ट्रेचर पर रख कर एम्बुलेंस में डाल दिया  और तब तक  मीडिया ने भी अपनी मेला लगा दी थी। पुलिस ने तहकीकात करना शुरू कर दिया था और सबसे पहले अराव की कमरे की तलाशी  ली गयी उसी दौरान आरव की स्टडी टेबल पर एक फटी हुई डायरी का पन्ना मिला, जिस पर लिखा था—

“माफ़ करना… अब और नहीं झेला जाता। थक गया हूं। कोशिश की थी, लेकिन शायद मैं वो नहीं बन सका, जो आप सब चाहते थे।” – आरव

जिसका सीधा सा मतलब बनता था की ये एक आत्महत्या है |

पूरा मोहल्ला सदमे में था। एक होनहार, शांत, पढ़ाकू बच्चा, जो हमेशा किताबों में डूबा रहता था, आज यूं अचानक से  खुद को खत्म कर लेगा—कोई सोच भी नहीं सकता था। सबलोग के जुबान में अच्छे छात्र के नाम पर अराव का नाम आता था | हर किसी को उनसे काफी उमीदें थी | घर के हर एक सदस्य का सीना गर्व से ऊँचा रहा करता था | घर में सब कुसल मंगल था |

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। असल कहानी तो अब शुरू होती है।

आरव दसवीं कक्षा का छात्र था। एक मध्यमवर्गीय परिवार का इकलौता बेटा। उसके पिता एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क थे और मां गृहिणी। घर छोटा था, लेकिन सपना बड़ा—“बेटा डॉक्टर बनेगा, नहीं तो कम से कम इंजीनियर तो बन ही जाएगा।”  सुबह – शाम बस सही सुनता रहता था और अराव का भी एक मात्र लक्ष्य था घर वालों की उमीदों पर खरा उतरना | सुबह 4 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक उसका दिन पूरी तरह से तय था— स्कूल, ट्यूशन और फिर रात को रिवीजन। उसे फुर्सत नहीं मिलती थी…खुद के लिए साँस लेना तक भूल गया था । कई बार तो उसका दोस्त तक उसे घमंडी समझते थे क्यूंकि वो अपने दोस्तों को भी समय नही दे पा रहा था| क्लास में भी अगर शिक्षक आने में देरी कर देते थे तब तक वो बहुत से चैप्टर्स का अभ्यास कर लेता था और तो और जब खेलने वक़्त उनके सभी दोस्त खेल रहे होते है तब भी वो कुछ न कुछ पढ़ रहा होता है | बस उसके दिमाग में थोडा सा डर और थोडा सा अपने परिवार को खुश करने का जूनून था|

एक दिन स्कूल से लौटने के बाद वह थका हुआ सा बैठा था, आंखों के नीचे गहरे काले घेरे थे। तभी मां कमरे में आईं।
“आरव, खाना खा ले, फिर मैथमेटिक्स की ट्यूशन करने भी तो जाना है न।”
“मां… आज थोड़ा थक गया हूं। क्या मैं आज आराम कर सकता हूँ?” अराव ने बड़े शिथिलता से पूछा|
“थक गया है? बेटा, अभी मेहनत नहीं करेगा तो बाद में रोएगा। सब बच्चे जी-जान से लगे हैं। तू क्यों पीछे रहेगा ?” उसकी माँ ने थोडा सकती दिखाते हुए कही|
“हां मां…ठीक है ” कहकर वो उठ गया, लेकिन उसके चेहरे की मुस्कान अब नकली लग रही थी। वो अब थोडा अलग और उदास रहने लगा था, उसके चहरे से रौनक ही खत्म हो गयी थी| वो हमेशा से ऐसा नही था पर उस दिन स्कूल में एक शिक्षक ने 80 में से 78 मार्क्स आने पर इतना डाँटा मानो उसने बहुत बड़ी गलती कर दी हो| अराव हमेशा से अच्छा अंक ही लाता था पर परीक्षा के नजदीक आने से वो बहुत ज्यदा परेशान था की  क्या होगा अगर वो जितना मार्क्स उनके शिक्षक और परिवार चाहते है की वो लाये, और ऐसा ना हुआ तो क्या होगा| इसी के वजह से जब प्री – बोर्ड एग्जाम में २ मार्क्स आने पर टीचर उसे डांटने लगे तो वो और ज्यादा  परेशान हो गया और लगा जैसे की वो नही कर पायेगा|   

उसके पिता का व्यवहार और सख्त था।
“तेरा मामा का बेटा को देख, 94% लाया है बोर्ड में। तू उससे कम क्यों लाएगा? हम लोग सपने छोड़ दिए हैं तेरे लिए। अब तेरा फर्ज़ है हमें गर्व दिलाना!” पिताजी आरव को उसके लिए किए गए बलिदान को बताते हुवे उसे समझा रहे थे | लेकिन आरव अब दिमाग हद से ज्यादा बिगड़ने लगा| सब जगह से बस ताने और डाँट ही मिल रहे है |


हर कोई बस उससे “ज़्यादा” की उम्मीद करता था—ज़्यादा नंबर, ज़्यादा मेहनत, ज़्यादा अनुशासन। हर किसी को उससे बस बेहतर की उम्मीद कर रहे थे |

वो स्कूल में भी कुछ खास नहीं बोलता था। अपने मे हमेशा रहता | गुमशुम गहरी सोच डूबा पर रहता ,मानो पूरा प्लैनिंग कर रहा हो की कैसे बोर्ड मे बेहतर किया जाए | दोस्त उससे कहते, “तू तो टॉपर है, तेरा क्या टेंशन?” लेकिन किसी ने भी उसके अंदर उठते तूफान को नहीं देख पा रहा था ।

एक दिन स्कूल में गणित की क्लास में टेस्ट हुआ। आरव ने 18/20 लाए।
“बस? तुमसे ये उम्मीद नहीं थी आरव!” टीचर ने पूरे क्लास के सामने डांटते हुए कहा।

वो चुप रहा, जैसे आदत सी हो गई हो उसे सब सुनने की… बिना जवाब दिए रह जाना। अब ये सब उसके लिए संभालना मुशकिल हो रहा था| घर मे भी वो अपने हालत को बयां नहीं कर सकता था | उसकी हालत को बस सोचने भर से शरीर मे सिहरन उठ जाती है तो ऐसे मे ये सोच पाना की आरव को कैसा लग रहा था होगा |

रात को डायरी में उसने लिखा—
“सबको लगता है मैं टॉपर हूं, तो मुझे सब आना चाहिए। लेकिन क्या कोई पूछता है कि मुझे किस चीज़ से डर लगता है? मुझे सबसे ज्यादा डर उस दिन से लगता है जब मैं सबकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाऊंगा।” वो हमेशा से डायरी नहीं लिखता था, लेकिन आरव ने अपने ही दसवी क्लास मे इंग्लिश किताब मे एक लड़की की कहानी पढ़ राखी थी| जिसमे वो लड़की अपनी सारी परेशानी को अपने डायरी मे लिखा करती क्यूंकी उसको भी सुनने वाला कोई नहीं था – तो इन्होंने भी यही करना शुरू कर दिया था |

धीरे-धीरे आरव की नींद उड़ने लगी थी। आंखों के नीचे काले घेरे गहरे होते जा रहे थे। वो अकेला छत पर अक्सर देर रात तक बैठा रहता, तारे देखता और अपने आप से बातें करता।
“कितनी चुप्पी है ना… आसमान में भी। लेकिन ये चुप्पी सुकून देती है, इंसानों की तरह ताने नहीं मारती।” ऐसे ही घंटों शांत पड़ा आसमान को देख खुदकों खुश रखा करता था |

फरवरी का महीना था। बोर्ड की डेटशीट आ चुकी थी। स्कूल और घर में माहौल, और सख्त हो गया था। हर किसी की नज़रें अब सिर्फ़ एक ही बात कह रही थीं—“अब गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।” बेहतर करने का जो स्ट्रेस लेवल था वो इतना हाई हो गया की मानो जैसे गैस मे राखी कुकर की सिटी जैसे बिना बोले कभी भी बड़ी जोर का आवाज करेगा|

इसी वजह से एक दिन अचानक वह स्कूल में बेहोश होकर गिर पड़ा। अनन फनन मे उसे अस्पताल ले जाया गया| डॉक्टर ने कहा—”चिंता की कोई बात नहीं है बस Anxiety और थकावट है। बच्चे को कुछ दिन आराम दीजिए।”
लेकिन घर आते ही मां बोलीं—
“अब आराम का टाइम नहीं है बेटा, बोर्ड्स सिर पर हैं। बस दो महीने की बात है। उसके बाद आराम ही आराम है जितना चाहो उतना आराम करना, हम सब कुछ नहीं कहेंगे।” हाँ ये तो मुझे भी पता है की ये बस एक छलावा है लेकिन उस उम्र मे भला किसको इतना समझ थी | ये बातें तो हर वो दसवी के बच्चों से कहा जाता | उसके बाद की जो जिंदगी है वो तो आराम शब्द को भुलवा देती है |

मम्मी की ऐसे बातें सुन बेचारा आरव से कुछ नहीं कहा गया । बस बड़े चुपके से आंखों के आंसू ने गिरने शुरू कर दिए, पर फिर भी आरव ने हाँ मे सिर हिलाया और कमरे में चला गया।

9 मार्च को आरव ने अपना आखिरी इग्ज़ैम पेपर दे दिया था। उसे लग रहा था कि पेपर खराब गया है। वह बहुत परेशान था। देर रात तक अपने नोट्स उलटता-पलटता रहा | कभी क्वेशन पढ़ता तो कभी ऐन्सर मिलाता | लिखते वक्त उससे कुछ प्रशनों के उत्तर हल नहीं हो पा रहे थे – पता नहीं ज्यादातर बच्चों को गणित मे ही परेशानी क्यूँ होती है | आरव भी एक बच्चा ही था और इस समय वो सही मनोदशा मे नहीं था – वही गणित के टीचर का डर ओर परिवार का उम्मीद सामने आ रहे थे | जिसके वजह से कुछ सवाल उसने जल्दी बाजी मे ही कर दिया था  

उस रात, आरव ने अपनी डायरी का आखिरी पन्ना लिखा—
“मैं कोशिश करता रहा… दिन-रात, नींद छोड़कर, अपनी जिंदगी की हर वो एशों –आराम को छोड़ दिया । लेकिन अब लगता है कि मेरी कोशिश कभी किसी के लिए काफी नहीं थी। शायद मैं ही गलत था—या शायद ये दुनिया ही बहुत तेज़ है मेरे लिए। मैं अब रुकना चाहता हूं। सुकून से सो जाना चाहता हूं। हमेशा के लिए…”

सुबह के करीब 5:30 बजे, वह चुपचाप उठा। मां रसोई में थी। उसने एक बार रुक कर मां की ओर देखा मानो जैसे वो उन्हे आखिरी बार थोड़ा जी भर देखना चाहता था और शायद कुछ कहना भी चाहता था—पर आज भी कुछ कह नहीं पाया।

चुप चाप वो छत पर पहुंचा, एक लंबी सांस ली, और खुद को हवा के हवाले कर दिया।

अगले दिन खबर टीवी पर थी—
“दसवीं बोर्ड का छात्र ने की खुदकुशी। कारण—पढ़ाई का दबाव या किसी प्रकार का डर ?” आज आरव हर किसी की घर के टीवी मे बोल रहा था पर अब भी उससे समझने वाला कोई नहीं था | वो बस एक लोगों क लिए लाश और टीवी, अखबार के लिए हेड्लाइन बनकर रह गया |

स्कूल में शोक सभा हुई। प्रिंसिपल ने कहा,
“आरव होनहार था। हमें यकीन नहीं होता कि वो ऐसा कदम उठा सकता है।”

लेकिन उस दिन पहली बार, आरव की खाली सीट देखकर उसकी क्लास बिल्कुल चुप हो गई। हर बच्चे की आंखों में एक ही सवाल था—
“हममें से अब अगला कौन?”



पुलिस ने जब उसके कमरे की तफ्तीश की, तो किताबों के बीच एक अधूरी उत्तरपुस्तिका मिली। उसमें सिर्फ़ एक वाक्य लिखा था—

“मेरी ज़िंदगी की तरह ये भी अधूरी रह गई। लेकिन मेरी बात कोई समझे, इससे पहले मैं चला गया। अगर अगली बार किसी और की कॉपी अधूरी मिले—तो उसे डांटना नहीं, शायद वो कुछ कहना चाहता हो।”

आरव अब नहीं है, लेकिन उसकी कहानी हर उस बच्चे की है जो दबाव में जी रहा है। जो अपने डर को शब्द नहीं दे पाता। जिसके हर आँसू बस तकिये में सूख जाते हैं।

हमें चाहिए कि हम बच्चों को नंबरों की दौड़ में न झोंकें। उन्हें सुनें, समझें…
क्योंकि ज़िंदगी एक परीक्षा है, लेकिन उसमें सबसे जरूरी है — “ज़िंदा रहना”।

3 responses to “आखिरी पन्ना”

  1. Devyani singh Avatar
    Devyani singh

    Don’t have words to state…such an emotional story about Arav. Despite being a bright student, he suicided. He taught world something, will this society understand it…?…

    1. admin Avatar

      that’s the situation of students nowadays. Didn’t you heard the news that a girl died after her father beaten her for not securing good marks in NEET mock test.

      1. Devyani singh Avatar
        Devyani singh

        Hm..😐

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हर इंसान के इमोशंस, उसके सपने, और उसका जीने का हक़ ज़रूरी है… चाहे वो किसी भी धर्म, जात या देश का हो। 

आज हम बात करने जा रहे हैं क्लास 10 के इंग्लिश चैप्टर “फ्रॉम द डायरी ऑफ ऐनी फ्रैंक” की – एक ऐसी लड़की की डायरी जिसे दुनिया भर में प्यार और संवेदना से पढ़ा गया। लेकिन ये सिर्फ एक डायरी नहीं थी… ये एक आवाज़ थी, एक गवाही थी उस दौर की जो इंसानियत के लिए एक कठिन इम्तिहान था।  ऐनी फ्रैंक – एक छोटी सी ज्यूइश लड़की, जो जर्मनी में पैदा हुई थी। उसका बचपन एक ऐसे समय में बीत रहा था जब हिटलर का नाज़ी रूल यूरोप में फैल चुका था। यहूदी लोगों के ऊपर अत्याचार बढ़ते जा रहे थे। ऐनी का परिवार जर्मनी छोड़ कर नीदरलैंड्स आ गया, लेकिन कुछ ही सालों में उन्हें वहाँ भी छुपकर रहना पड़ा।

ऐनी ने 13 साल की उम्र में अपनी डायरी लिखना शुरू की। उसने इस डायरी का नाम रखा – किट्टी। उस डायरी में ऐनी ने अपने इमोशंस, फीयर्स, फ्रस्ट्रेशन्स, और अपने सपने लिखे। वो लिखती है जैसे किसी दोस्त से बात कर रही हो।  चैप्टर में ऐनी स्कूल लाइफ और अपनी डेली लाइफ के बारे में बताती है। उसे लगता था कि लोग उसे समझते नहीं। उसके टीचर्स से उसके इंटरेस्टिंग रिश्ते थे। मैथ्स के टीचर को उसकी बातें पसंद नहीं आती थीं। उसके दोस्तों के साथ उसका व्यवहार भी उसके लिखने का एक अहम हिस्सा है।

लेकिन इन सबके बीच, एक टीनएजर की नॉर्मल लाइफ के पीछे छुपी थी एक भयंकर सच्चाई – वो और उसका परिवार एक सीक्रेट एनेक्स में छुप कर रह रहे थे, ताकि नाज़ी उन्हें पकड़ न लें। सोचिए, एक छोटी सी लड़की जो बस जीना चाहती थी, दोस्तों के साथ हँसना चाहती थी, स्कूल जाना चाहती थी – उसे छुपकर जीना पड़ रहा था, एक ऐसे डर के साथ जो हर वक्त साथ था।

ऐनी के शब्दों में सच्चाई थी, मासूमियत थी, और एक उम्मीद भी थी। उसने लिखा था: “पेपर हैज़ मोर पेशेंस दैन पीपल।”

आज ऐनी फ्रैंक की डायरी दुनिया भर में पढ़ी जाती है। उसने एक टीनएजर की आँखों से दुनिया को दिखाया – बिना किसी बनावट के। इस डायरी ने हमें यह समझाया कि हर इंसान के इमोशंस, उसके सपने, और उसका जीने का हक़ ज़रूरी है… चाहे वो किसी भी धर्म, जात या देश का हो।  तो दोस्तों, ऐनी की कहानी सिर्फ एक इतिहास का हिस्सा नहीं है – यह एक सीख है। कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। कि हर आवाज़ को सुना जाना चाहिए। और कि एक डायरी भी दुनिया बदल सकती है।  आपको ये पॉडकास्ट कैसा लगा, हमें ज़रूर बताएँ। अगली बार मिलेंगे एक और कहानी के साथ – तब तक के लिए, ख़्याल रखिए और ऐनी की डायरी की तरह, अपने जज़्बात लिखना न भूलिए। 

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परमेश्वर का आज्ञा – परमेश्वर से प्रेम करें और एक-दूसरे प्रेम करें |

इस धरती पर हम और आप अब तक कैसे जिन्दा है कभी सोचा है? नहीं, तो फिर अब सोचिए और सोच की गहराई तक जायेगा। आपको मिलेगा की ये दुनियाँ अगर आज तक जो भी थोड़ा बहुत चल रहा है तो वो सिर्फ एक प्रेम के वजह से। हमें अपनों से प्रेम है, अपने आप से कही ज्यादा प्रेम है और ऐसी प्रेम भाव के वजह हम अपने अपने को बुरी युक्ति पर पड़ने नहीं देते। अगर प्रेम ना होता आज भारत जनसंख्या दुनियाँ में पहला स्थान ना हासिल होता। प्राचीन काल के जैसा राजाओं के बीच की दुश्मनी के वजह जो युद्ध होते थे कितने ही जानें चली जाती थी। ऐसे ही आज भी होते तो शायद इंसान का नामो निशान ना बचता।

तो फिर आज अगर आप जिन्दा है तो फिर इस शक्तिशाली हत्यार – प्रेम को जानने की कोशिश करते है।

क्या आपने कभी सोचा है कि प्रेम की असली शुरुआत कहाँ से होती है? बाइबिल के 1 यहुन्ना 4:19 में लिखा है – “हम इसलिए प्रेम करते हैं क्योंकि उसने हमसे प्रेम किया।” यह वचन हमारे दिलों को छूता है। परमेश्वर ने सबसे पहले हमसे प्रेम किया और अब वह चाहता है कि हम भी उस प्रेम को आगे बढ़ाएँ।

कल्पना कीजिए, यदि कोई बच्चा अपने माता-पिता से “मैं तुमसे प्रेम करता हूँ” कहता है, वो ये इसलिए नहीं प्रकट करता है की वो उनसे प्रेम करता है लेकिन यह भावना उसमें पहले से भरी होती है क्योंकि उसके माता-पिता ने उसे पहले प्रेम किया। यही हमारे और परमेश्वर के संबंध में भी होता है।

यीशु की सबसे बड़ी आज्ञा – परमेश्वर से प्रेम

अब, एक पल के लिए सोचिए – आप किससे सबसे अधिक प्रेम करते हैं? परिवार? दोस्त? शायद आपका जवाब दोनों हो सकता है लेकिन ज्यादा झुकाव परिवार के तरफ होगा, मतलब ज्यादा प्रेम आपको अपने परिवार से है।

शायद यह सुनकर थोड़ा अजीब लगे, खासकर जब मत्ती 10:37 में यीशु कहते हैं – “जो अपने माता-पिता को मुझसे अधिक प्रिय जानें, वह मेरे योग्य नहीं है।”
अगर इस वचन को पढ़ कर सीधा निष्कर्ष निकाला जाए तो हमें लगेगा की बाइबिल हमें अपने माता -पिता से प्रेम ना करने को कह रहे है। क्या इसका मतलब यही है कि हमें अपने माता-पिता से प्रेम नहीं करना चाहिए? बिल्कुल नहीं। इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर का स्थान हमारे जीवन में सर्वोच्च होना चाहिए। जब हम परमेश्वर से सच्चा प्रेम करते हैं, तभी हम अपने परिवार और मित्रों से भी सही तरीके से प्रेम कर सकते हैं।

इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है की आप कहे, प्रभु मै आपसे प्रेम करता हूँ। और अपने परिवार को आप यूँ ही छोड़ दें – क्योंकि वचन आपसे और आपके समझ से यही तो कहता है। नहीं, ऐसा नहीं है, कृपया वचन की गहराई को समझे, उनकी शब्दों पर अपना तर्क ना पेश करें।
इस वचन का मूल अर्थ यह नहीं है कि हमें अपने माता-पिता या परिवार से प्रेम नहीं करना चाहिए बल्कि बाइबिल बार-बार हमें माता-पिता का सम्मान करने और उनसे प्रेम करने की शिक्षा देती है (निर्गमन 20:12)लेकिन मत्ती 10:37 में यीशु का संदेश कुछ और गहरा है।

इसका सही अर्थ क्या है?
यह वचन प्राथमिकता के बारे में है की अपने जीवन में पहला स्थान किसे देते है? यीशु यहाँ यह सिखा रहे हैं कि परमेश्वर हमारे जीवन में सर्वोच्च स्थान पर होना चाहिए। यदि कभी ऐसा समय आए जब हमें परमेश्वर और परिवार के बीच चुनाव करना पड़े, तो हमें परमेश्वर को प्राथमिकता देनी चाहिए।

कल्पना कीजिए कि कोई व्यक्ति यीशु मसीह में विश्वास करता है, लेकिन उसका परिवार उसे मना करता है। उस स्थिति में, व्यक्ति को अपने विश्वास पर टिके रहना चाहिए, भले ही परिवार नाराज हो जाए। यह कठिन हो सकता है, लेकिन यीशु ने हमें सिखाया कि उसे अपने जीवन का केंद्र बनाना चाहिए।
या फिर आज रविवार है और आपको चर्च जाना है लेकिन परिवार या परिवार की जिम्मेदारी आपके आड़े आती है, ऐसे में आप सब कुछ छोड़ प्रभु यीशु को अपना समय दें। रविवार का दिन आपका नहीं है – प्रभु का है, उनके हिस्से की समय किसी ओर को ना दें। अपने जीवन में प्राथमिकता अपने श्रीजनहार को ही दें।

बाइबिल प्रेम के बारे क्या कहती है?

बाइबिल के अनुसार, प्रेम ईश्वर का स्वरूप है। 1 यहुन्ना 4:8 में लिखा है, “परमेश्वर प्रेम है।” बाइबिल में प्रेम केवल एक भावना नहीं बल्कि एक क्रिया है, जो निःस्वार्थता, धैर्य, करुणा और क्षमा से भरा होता है। 1 कुरिन्थियों 13:4-7 में प्रेम को इस प्रकार वर्णित किया गया है – “प्रेम धैर्यशील है, प्रेम कृपालु है, यह न ईर्ष्या करता है, न घमंड करता है, न अभिमान करता है… यह सब कुछ सह लेता है, सब कुछ विश्वास करता है, सब कुछ आशा करता है, और सब कुछ सहन करता है।” यीशु ने भी प्रेम को सर्वोच्च आज्ञा बताया“अपने परमेश्वर से अपने सारे मन, प्राण और बल से प्रेम करो और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो।” (मत्ती 22:37-39)। बाइबिल में प्रेम निःस्वार्थ सेवा और आज्ञा पालन का प्रतीक है। अब ये देखे की क्या हम में इनमें से एक भी भाव है या नहीं। अगर नहीं, तो फिर हमें खुद में प्रेम की भाव को रोपने की जरुरत है।

क्योंकि यीशु ने हमसे असीमित प्रेम किया है इसलिए हमें भी उनसे प्रेम रखना है। सिर्फ बोलने के लिए नहीं की प्रभु मै आपसे प्रेम करता हूँ परंतु अपने अंतर्मन से और अपने चाल चलन में उनकी छवि दिखनी चाहिए और ये तब ही होगा जब हम उनके आज्ञा को मानेगे।

परमेश्वर से सच्चा प्रेम कैसे करें?

आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा – “क्या सिर्फ यह कह देना कि मैं परमेश्वर से प्रेम करता हूँ, काफी है?” यीशु इसका उत्तर यहुन्ना 14:15 में देते हैं “यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे।”

अब अगर आप कहोगे की मै प्रभु से प्रेम करता हूँ ये माननीय नहीं होगा, क्योंकि प्रेम शब्दों में नहीं बल्कि हमारे कार्यों में झलकना चाहिए। तो हम अपने कार्य में प्रेम को कैसे लाएं? ये हम कर सकते प्रभु की दी हुई आज्ञा का पालन कर के, जब हम उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, जब हम सच्चाई और करुणा से जीते हैं, तब हमारा प्रेम असली माना जाता है।

प्रभु की आज्ञा क्या है?
दूसरों से प्रेम – आसान या मुश्किल?

प्रभु यीशु का आज्ञा को हम (मत्ती 5:43-44) में देख सकते है “अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो।” – यह सुनने में आसान लगता है, लेकिन व्यवहार में लाना कितना कठिन है ना? अब आप सोच के देखे की क्या कभी किसी का पडोसी किसी के साथ भी प्रेम भाव में रहता है? नहीं! हर किसी का अपने पडोसी से 36 का अकड़ा रहता है। प्रभु यीशु उनसे ही प्रेम करने की आज्ञा दें रहे है। सोचिए, आपको प्रभु से प्रेम है ये कहने भर से नहीं होगा आपको कर के दिखाना होगा और क्या करना होगा, प्रेम! वो भी पडोसी से प्रेम करना है – इतना ही नहीं, ये भी की उनसे प्रेम आपको जिस प्रकार अपने आप से करते है वही प्रेम रखना है। अब सोचिए आप अपने से कैसे प्रेम करते है? अगर छोटा सा सुई भी आपको जुभ जाये तो अंशु छलक जाते है और अपने को बेहतर महसूस कराने के लिए कुछ भी कर सकते है। कुछ इसी प्रकार का प्रेम अपने पडोसी से करना होगा तब कही जा कर आप खुद को प्रभु यीशु के प्रेम के करीब पायेंगे।

और फिर यीशु ने तो यह भी कहा – “अपने बैरी से भी प्रेम करो।” कल्पना कीजिए, उस इंसान से प्रेम करना जिसने आपको चोट पहुँचाई हो! यह कितना कठिन है। लेकिन यही तो यीशु की शिक्षा का सार है – क्षमा और प्रेम। ये हमारे सोच से परे है की जिसने हमारा नुकसान कराया, जिसने हमें आघात पहुँचाया, उसे प्रेम करना है। ऊफ!!!! कितना कठिन है, है ना! ये आपको लगता है इसलिए कठिन है। प्रभु ने हमें क्षमा करना भी सिखाया है। अगर अपने दुश्मन को क्षमा करते है तो फिर उनसे प्रेम करना उतना भी मुश्किल नहीं है। वैसे भी हम और आप कौन होते है किसी से दुश्मनी करना या अपने दुश्मनो को ना क्षमा करना। याद कीजिए वो मंजर और वो वेदना जो प्रभु यीशु को हमारे गुनाह के लिए सहना पड़ा था, फिर भी उसने परमेश्वर से ये प्रार्थना की उन्हें क्षमा कर दें। अब सोच कर देखिए – इस पृथ्वी के श्रीजानहार और जो कुछ इसमें है सब उन्हीं का तो था, चाहते तो एक पल मिटा देते, लेकिन उसने हमें क्षमा करना सिखाया है।ठीक उसी तरह हम भी अपने दुश्मनो को माफ़ कर उनसे प्रेम रख सकते है।

हमारे जीवन में ये बैरी कौन हैं? कभी-कभी हमारे अपने – पति-पत्नी, भाई-बहन, पड़ोसी – जिनसे हमारे झगड़े होते हैं। यीशु हमें सिखाते हैं कि इन रिश्तों में भी प्रेम और क्षमा का भाव रखना जरूरी है।

प्रेम न रखने का परिणाम

क्या आपने कभी सोचा है कि घृणा हमारे भीतर क्या असर डालती है? पहला यहुन्ना 3:14 में लिखा है – “अगर हम प्रेम करते हैं तो मृत्यु को पार कर सकते हैं, लेकिन जो प्रेम नहीं करता वह मृत्यु की दशा में है।”

अगर हमारे दिल में घृणा है – अपने परिवार, कलीसिया या समाज के लोगों के लिए – तो हम आत्मिक रूप से मृत हैं। बाइबिल तो यहाँ तक कहती है – “जो कोई अपने भाई से प्रेम नहीं रखता, वह हत्यारा है।”

याद कीजिए आदम और हवा को – एक छोटी सी आज्ञा उल्लंघन ने उन्हें परमेश्वर से दूर कर दिया था। हमारी छोटी-छोटी गलतियाँ भी हमें परमेश्वर से दूर कर सकती हैं। इसलिए जहाँ तक हो सके प्रभु का आज्ञा मानते हुए उनसे प्रेम रखे। क्या होगा अगर हम उनसे प्रेम रखते है?
कभी महसूस किया है, जब आप किसी से गहरे प्रेम करते हैं तो आपके भीतर कितनी ऊर्जा और सकारात्मकता होती है? आप तारोंताज़ा महसूस करते है और आपके चेहरे पर एक अलग सा नूर झलकता है। हमेशा मन आपका ख़ुशी से डोलता रहता है।

NO LOVE!!! NO POWER!!!!!
MORE LOVE!!!! MORE POWER!!!!

जितना अधिक हम प्रेम में चलते हैं, उतनी ही अधिक आत्मिक शक्ति और शांति हमें मिलती है। परमेश्वर से और दूसरों से प्रेम करके हम न केवल आत्मिक रूप से मजबूत बनते हैं, बल्कि एक बेहतर समाज भी बना सकते हैं।

निष्कर्ष – प्रेम ही मार्ग है

आखिरकार, सब कुछ प्रेम पर ही टिकता है। प्रेम ही वह सेतु है जो हमें परमेश्वर और एक-दूसरे से जोड़ता है। जब हम यीशु की आज्ञाओं का पालन करते हुए प्रेम में चलते हैं, तभी हम सच्चे मसीही कहलाते हैं।

हमें अपने हृदय से बैर, घृणा और क्रोध को निकाल कर प्रेम और क्षमा को अपनाना चाहिए। जैसा 1 यहुन्ना 4:16 में लिखा है – “परमेश्वर प्रेम है और जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में बना रहता है।” 🙏

तो चलिए, आज से ही प्रेम को अपने जीवन का मार्गदर्शन बनाते हैं। ❤

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Montie
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24 years ago
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फूल और इंसान: संघर्ष की दो राहें

प्रकृति और मानव जीवन में संघर्ष का एक गहरा संबंध है। एक बीज से सुंदर फूल बनने की यात्रा और एक बच्चे से सफल व्यक्ति बनने की राह, दोनों में कठिनाइयाँ तो होती हैं, पर इनकी चुनौतियाँ और परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं। आइए इन दोनों सफरों को समझने की कोशिश करते हैं।

फूल का संघर्ष

एक नन्हा बीज जब धरती में बोया जाता है, तो उसकी यात्रा शुरू होती है। मिट्टी के अंदर अंधकार, नमी और अनिश्चितता से भरा वातावरण उसका पहला घर बनता है। बीज को अंकुरित होने के लिए मिट्टी की परतों को चीरना पड़ता है, पानी और सूरज की किरणों तक पहुँचने के लिए खुद को आगे बढ़ाना पड़ता है। यह प्रक्रिया स्वाभाविक होती है—बीज को कोई मानसिक उलझन या भावनात्मक तनाव नहीं होता। उसकी ऊर्जा केवल प्रकृति के नियमों पर आधारित होती है।

जब फूल खिलता है, तो वह बिना किसी अपेक्षा के अपनी खुशबू और सुंदरता दुनिया में बाँटता है। उसे आलोचना या प्रशंसा की परवाह नहीं होती। उसका उद्देश्य केवल खिलना और प्रकृति का हिस्सा बनना होता है।

इंसान का संघर्ष

दूसरी ओर, एक बच्चे का जन्म भी संघर्ष का प्रतीक है, लेकिन यह यात्रा केवल शारीरिक नहीं होती। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसे समाज के बनाए गए नियमों, अपेक्षाओं और मान्यताओं का सामना करना पड़ता है। उसे सफलता के पैमानों पर खरा उतरने के लिए लगातार प्रयास करना पड़ता है। पढ़ाई, प्रतियोगिता, करियर, सामाजिक दबाव—ये सभी उसे मानसिक और भावनात्मक रूप से चुनौती देते हैं।

फूल की तरह इंसान भी खिलता है, लेकिन उसके खिलने पर समाज की प्रतिक्रिया होती है। यदि वह असफल होता है, तो आलोचना झेलनी पड़ती है, और यदि सफल होता है, तो प्रशंसा मिलती है। यह भावनात्मक उतार-चढ़ाव उसे या तो मजबूत बनाता है या तोड़ देता है।

फूल बनाम इंसान: संघर्ष में अंतर

  1. प्राकृतिक बनाम सामाजिक संघर्ष: फूल का संघर्ष पूरी तरह प्राकृतिक है, जबकि इंसान का संघर्ष सामाजिक अपेक्षाओं और भावनाओं से जुड़ा होता है।
  2. निर्दोषता बनाम भावनाएँ: फूल बिना किसी भावना के खिलता है, लेकिन इंसान अपने हर कदम के साथ भावनाओं का बोझ उठाता है।
  3. उद्देश्य: फूल का उद्देश्य केवल खिलना है, जबकि इंसान को खुद के लिए, परिवार के लिए और समाज के लिए भी सफल होना पड़ता है।
  4. असफलता का प्रभाव: फूल अगर नहीं खिलता तो बस मुरझा जाता है, लेकिन इंसान की असफलता उसके आत्मविश्वास और भावनात्मक स्थिति पर गहरा असर डालती है।

निष्कर्ष

फूल और इंसान दोनों ही संघर्ष के प्रतीक हैं, लेकिन इंसान का संघर्ष कहीं अधिक जटिल और भावनात्मक होता है। फिर भी, अगर हम फूल से यह सीखें कि बिना किसी अपेक्षा के अपने जीवन में खिलना है, तो शायद हमारा सफर भी थोड़ा सरल और सुंदर हो जाए। संघर्ष हर किसी का हिस्सा है, लेकिन उसे कैसे झेलना है, यह हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर करता है।

तो चलिए, संघर्ष करें लेकिन फूल की तरह खिलना न भूलें!

    जीवन की उलझनों से बाहर कैसे निकलें?” या “क्या आपकी जिंदगी गोल-गोल घूम रही है? जानिए समाधान!

    कहीं आपकी लाइफ गाड़ी के पहियों की तरह तो नहीं है ना, जो बस गोल-गोल घूम रही है पर जा कहीं नहीं रही?

    अगर हां, तो यकीन मानिए, आप अकेले नहीं हैं। हममें से कई लोग इस दौर से गुजरते हैं, जब हमें लगता है कि हम बहुत मेहनत कर रहे हैं, पर फिर भी कोई ठोस परिणाम नहीं मिल रहा। यह उलझन, यह भ्रम, जीवन का एक अहम हिस्सा है। सवाल यह है कि इससे बाहर कैसे निकला जाए?

    1. खुद को समझना शुरू करें

    कभी-कभी हम अपनी जिंदगी में इतनी तेजी से भागते हैं कि यह भूल जाते हैं कि हम कहां जाना चाहते हैं। सबसे पहला कदम है – खुद से जुड़े सवालों के जवाब ढूंढना:

    • मैं असल में चाहता क्या हूं?
    • मेरी असली रुचियां क्या हैं?
    • क्या मैं अपने फैसले खुद ले रहा हूं या समाज के दबाव में?

    टिप्स:

    • रोज़ 10-15 मिनट अपने आप से बात करें।
    • डायरी में अपने विचार और भावनाएं लिखें।
    • खुद को समय दें बिना किसी जजमेंट के।

    राहुल एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता था। अच्छी सैलरी थी, लेकिन अंदर से खुश नहीं था। उसे एहसास हुआ कि वह बस पैसे के पीछे भाग रहा है, जबकि उसका असली जुनून फोटोग्राफी में था। उसने weekends पर फोटोग्राफी शुरू की और धीरे-धीरे इसे प्रोफेशन बना लिया। आज राहुल एक सफल फोटोग्राफर है और संतुष्ट भी।

    2. अपने अंदर निवेश करें

    दुनिया में सबसे अच्छा निवेश वही है जो आप अपने अंदर करते हैं।

    • सीखना जारी रखें: नई-नई चीजें सीखना कभी बंद मत कीजिए। चाहे वो नई भाषा हो, कोई स्किल या फिर किताबें पढ़ना।
    • स्वास्थ्य का ध्यान रखें: अगर शरीर और दिमाग सही नहीं है तो कुछ भी कर पाना मुश्किल है। रोज़ाना योग, ध्यान या हल्की एक्सरसाइज करें।
    • भावनात्मक बुद्धिमत्ता: अपने इमोशंस को समझना और उन्हें कंट्रोल करना सीखिए। इससे निर्णय लेना आसान होता है।

    नीना एक हाउसवाइफ थी जिसे हमेशा लगता था कि वह अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं कर रही। उसने ऑनलाइन कोर्सेस के जरिए डिजिटल मार्केटिंग सीखी और आज वह एक सफल फ्रीलांसर है। उसने खुद पर निवेश किया और अपनी जिंदगी बदल दी।

    3. कब शुरू करें? अभी!

    अक्सर हम सोचते हैं, “कल से शुरू करूंगा”, लेकिन वो कल कभी नहीं आता। अगर आप किसी चीज़ को सच में पाना चाहते हैं तो अभी से शुरुआत करें।

    • छोटे कदम उठाएं: बड़ी प्लानिंग करने से बेहतर है छोटे कदमों से शुरुआत करना।
    • गलतियां करने से मत डरिए: असफलता भी सीखने का एक जरिया है।
    • Consistency बनाए रखें: रोज़ थोड़ा-थोड़ा करके भी आप बड़ी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।

    अमित को फिटनेस का शौक था लेकिन वो कभी जिम नहीं गया। एक दिन उसने घर पर ही छोटे वर्कआउट से शुरुआत की। धीरे-धीरे वह फिटनेस ट्रेनर बन गया और अब अपनी खुद की जिम चलाता है। उसने बस एक छोटा कदम उठाया और आज एक बड़ी मंजिल पर पहुंच गया।

    4. लाइफ के कन्फ्यूजन को कैसे दूर करें?

    • Comparison से बचें: दूसरों से खुद की तुलना करने से सिर्फ निराशा मिलती है। हर किसी की यात्रा अलग होती है।
    • फीडबैक लें: कभी-कभी बाहरी नजरिया आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। अपने करीबी दोस्तों या मेंटर्स से सलाह लें।
    • Mindfulness अपनाएं: वर्तमान में जीना सीखिए। अतीत या भविष्य में उलझने के बजाय, आज को बेहतर बनाने पर ध्यान दें।

    सोनिया हमेशा सोशल मीडिया पर दूसरों की जिंदगी देखकर उदास हो जाती थी। फिर उसने अपने जीवन में माइंडफुलनेस अपनाई, मेडिटेशन किया और अपनी खुशियों पर ध्यान देना शुरू किया। अब वह अपनी जिंदगी से संतुष्ट है और सोशल मीडिया की तुलना से ऊपर उठ चुकी है।

    5. लक्ष्य बनाएं और उन्हें पाएं

    • SMART Goals: Specific, Measurable, Achievable, Relevant, Time-bound लक्ष्य बनाएं।
    • Vision Board बनाएं: अपनी इच्छाओं और सपनों को विज़ुअल बनाकर रोज़ देखें। यह मोटिवेशन देगा।
    • Celebration: छोटे-छोटे अचीवमेंट्स को सेलिब्रेट करना न भूलें।

    अंकित ने अपने जीवन के लिए एक विज़न बोर्ड बनाया था जिसमें उसने 5 सालों में अपनी खुद की कंपनी खोलने का सपना देखा। उसने छोटे-छोटे लक्ष्य बनाए और धीरे-धीरे उन्हें पूरा किया। पांच साल बाद, उसने अपनी खुद की कंपनी शुरू की और आज वह एक सफल उद्यमी है।

    निष्कर्ष:

    जिंदगी की उलझनों में फंसे रहना आसान है, लेकिन उससे बाहर निकलना आपके हाथ में है। अपनी गाड़ी को बस गोल-गोल घुमाने के बजाय सही दिशा दें। याद रखिए, सफर का आनंद तभी है जब हम अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हों।

    तो, अब सवाल यह है — क्या आप आज से अपनी जिंदगी को सही दिशा देने के लिए तैयार हैं?

    Vikash Kumar Hansda

    CBSE Class 10 English: Complete Summary of First Flight & Footprints Without Feet

    cbse

    Are you preparing for the CBSE Class 10 English Board Exam? If yes, then this blog is for you! We’ve compiled a detailed summary of all chapters from First Flight and Footprints Without Feet, along with themes, writer’s bio, and character summaries to help you ace your exam.

    Here’s a detailed summary of the chapters from Class 10 English Language & Literature (Prose and Poetry) based on the chapters you mentioned from both the “First Flight” and “Footprints Without Feet” books. I’ve also included the themes, writer/poet bio, and character summaries as requested.


    First Flight (Prose)

    1. A Letter to God (by G.L. Fuentes)

    • Summary: Lencho, a poor farmer, prays to God to send him money after a devastating hailstorm destroys his crops. He writes a letter to God requesting 100 pesos. A postmaster and his colleagues collect money to fulfill Lencho’s request. However, Lencho, believing that only God could have sent the money, angrily declares that the post office employees are thieves.
    • Themes: Faith, belief in God, innocence, and human nature.
    • Writer’s Bio: G.L. Fuentes was a Mexican writer known for his works reflecting Mexican rural life and social issues.
    • Character Summary:
      • Lencho: A devout, hardworking farmer who has unshakable faith in God.
      • Postmaster: A kind-hearted individual who secretly helps Lencho, though he is misunderstood by him.

    2. Nelson Mandela: Long Walk to Freedom (by Nelson Mandela)

    • Summary: An excerpt from Nelson Mandela’s autobiography, this chapter reflects on his life journey, including his childhood, the struggles against apartheid, and his eventual imprisonment. It focuses on his desire for freedom and equality for all South Africans.
    • Themes: Freedom, equality, struggle against oppression, hope, and resilience.
    • Writer’s Bio: Nelson Mandela was a South African revolutionary and political leader who served as President of South Africa and was pivotal in the fight against apartheid.
    • Character Summary:
      • Nelson Mandela: The central figure, embodying courage, dignity, and dedication to the cause of equality and justice.

    3. Two Stories About Flying (by Lilian H. Smith and Frederick Forsyth)

    • Summary: This chapter contains two stories:
      • His First Flight: A young seagull is afraid to fly but, with encouragement from his family, he overcomes his fear and takes his first flight.
      • The Black Aeroplane: A pilot is flying through a storm, only to encounter a mysterious figure who guides him to safety.
    • Themes: Overcoming fear, courage, the power of hope and trust.
    • Writer’s Bio:
      • Lilian H. Smith: An English author, known for her children’s books.
      • Frederick Forsyth: A British novelist, known for thriller and suspense writing.
    • Character Summary:
      • Young Seagull: The protagonist who learns the importance of overcoming fear.
      • Pilot: The mysterious figure symbolizes hope and help in dire circumstances.

    4. From the Diary of Anne Frank (by Anne Frank)

    • Summary: This is an excerpt from Anne Frank’s diary, where she describes her life in hiding during the Holocaust, the people she lives with, and her feelings about being confined.
    • Themes: Hope, survival, the human spirit under oppression.
    • Writer’s Bio: Anne Frank was a Jewish girl whose diary, written while hiding from Nazi persecution, became a symbol of the human tragedy of the Holocaust.
    • Character Summary:
      • Anne Frank: A thoughtful, introspective young girl who, despite the horrors around her, tries to maintain hope and self-reflection.

    5. Glimpses of India (by Lakshmi Subramaniam)

    • Summary: This story explores the diverse beauty and culture of India, from the tea gardens of Kerala to the rich heritage of the place. The author describes the distinctiveness of the land and its significance.
    • Themes: Indian culture, beauty of nature, diversity.
    • Writer’s Bio: Lakshmi Subramaniam is an Indian author known for her works that capture the essence of Indian traditions.
    • Character Summary: N/A – This chapter is more of a description of India’s culture and landscapes.

    6. Mijbil the Otter (by Gavin Maxwell)

    • Summary: The story tells of the author’s relationship with his pet otter, Mijbil, and their life together in the Scottish Highlands. Mijbil, initially a wild creature, becomes a loving companion.
    • Themes: Animal companionship, trust, nature, and bonding.
    • Writer’s Bio: Gavin Maxwell was a British author and naturalist, known for his works about animals.
    • Character Summary:
      • Mijbil: The otter, who begins as a wild animal but becomes a friendly and playful pet.
      • Author: The narrator who forms a bond with Mijbil and learns about the animal’s intelligence.

    Apologies for the confusion! You are correct, and I appreciate your patience. Let me provide the correct summary of “Madam Rides the Bus” by V.S. Naipaul, as found in the Class 10 English syllabus.

    Madam Rides the Bus (by V.S. Naipaul)

    • Summary: The story is about a young girl named Valli, a curious and independent girl from a village. She longs for adventure and one day decides to ride the bus to the nearby town, despite being too young and her mother’s disapproval. She gathers the courage to board the bus on her own, pays the fare, and enjoys the ride, observing the world outside. Throughout the journey, she feels a sense of freedom and joy. However, towards the end of the journey, she is deeply affected by the sight of a dead cow being dragged along the road, which brings her back to reality and ends her carefree adventure.
    • Themes:
      • Independence: Valli’s determination to experience life on her own terms, despite her age and societal expectations.
      • Curiosity and Freedom: The joy and excitement of discovering the world outside her own small village.
      • Reality vs. Illusion: The contrast between Valli’s imagination and the harsh realities of life.
    • Character Summary:
      • Valli: A brave, curious, and independent young girl, eager to explore the world beyond her village. She shows maturity in her decision to ride the bus, but her adventure ends with a sobering lesson about life.
      • The Bus Conductor: A middle-aged man who is amused by Valli’s courage and takes care of her during the bus ride, though he is unaware of her age at first.
      • The Bus Driver: He notices Valli’s determination and allows her to ride the bus. He also plays a small role in the narrative as a part of the bus journey.

    8. Sermon at Benares (by Khushwant Singh)

    • Summary: The story discusses a sermon given by a Buddhist monk in Benares, where he teaches the lesson that happiness lies in self-realization, not in material wealth.
    • Themes: Self-realization, inner peace, renunciation.
    • Writer’s Bio: Khushwant Singh was an Indian author, journalist, and editor, known for his works on contemporary India and Sikhism.
    • Character Summary:
      • The Monk: A wise figure who preaches the importance of self-realization over materialism.

    9. The Proposal (by Anton Chekhov)

    • Summary: This one-act play is a humorous depiction of a proposal between two characters, Lomov and Natalia, who have an absurd argument over trivial matters before Lomov finally proposes.
    • Themes: Marriage, social customs, humor, human nature.
    • Writer’s Bio: Anton Chekhov was a Russian playwright and short-story writer, known for his mastery in writing comedies and tragedies.
    • Character Summary:
      • Lomov: A nervous, hypochondriac man trying to propose.
      • Natalia: A fiery, argumentative woman who later accepts Lomov’s proposal.

    First Flight (Poetry)

    1. Dust of Snow (by Robert Frost)

    • Summary: The poem describes a moment when a snowflake falls on the poet, changing his mood from sadness to joy.
    • Themes: The small things in life, nature’s impact on emotions.
    • Poet’s Bio: Robert Frost was an American poet known for his exploration of rural life and nature.
    • Character Summary: N/A – The speaker reflects on the impact of nature.

    2. Fire and Ice (by Robert Frost)

    • Summary: The poem explores the destructive power of both fire (representing desire) and ice (representing hate), ultimately asking which would bring the world to an end.
    • Themes: Desire, hate, destruction.
    • Poet’s Bio: Robert Frost.

    3. A Tiger in the Zoo (by Leslie Norris)

    • Summary: The poem contrasts the tiger in captivity with the one in the wild, emphasizing the animal’s restlessness and yearning for freedom.
    • Themes: Freedom, captivity, nature.
    • Poet’s Bio: Leslie Norris was a Welsh poet known for his works on nature and human experiences.

    4. How to Tell Wild Animals (by Carolyn Wells)

    • Summary: A humorous poem that gives a description of different wild animals, offering fun ways to distinguish them.
    • Themes: Humor, nature.
    • Poet’s Bio: Carolyn Wells was an American poet, known for her light verse.

    5. The Ball Poem (by John Berryman)

    • Summary: The poem reflects on a boy losing a ball and the deep emotional experience of realizing that things can be lost.
    • Themes: Loss, coming of age.
    • Poet’s Bio: John Berryman was an American poet and scholar, famous for his confessional poetry.

    6. Amanda! (by Robin Klein)

    • Summary: The poem portrays Amanda, a young girl, who is constantly scolded by her mother for her behavior. The poem highlights her desire for freedom and independence.
    • Themes: Childhood, freedom, independence.
    • Poet’s Bio: Robin Klein was an Australian writer known for her works for children and young adults.

    7. The Trees (by Adrienne Rich)

    • Summary: The poem describes the process of trees being uprooted from their natural environment and replanting themselves in a new one, symbolizing freedom and growth.
    • Themes: Freedom, nature, renewal.
    • Poet’s Bio: Adrienne Rich was an American poet, known for her feminist works.

    8. The Fog (by Carl Sandburg)

    • Summary: The poem depicts fog as a cat-like presence that silently enters and settles over the city, creating a calm, misty atmosphere.
    • Themes: Nature, mystery.
    • Poet’s Bio: Carl Sandburg was an American poet known for his works capturing the essence of American life.

    9. The Tale of Custard the Dragon (by Ogden Nash)

    • Summary: The poem humorously tells the story of Custard, a cowardly dragon who surprises everyone by saving the day.
    • Themes: Courage, bravery, humor.
    • Poet’s Bio: Ogden Nash was an American poet known for his humorous verse.

    Anne Gregory (by W.B. Yeats)

    • Summary: The poem advises Anne Gregory, a young woman concerned with her beauty, that true love is based on inner qualities, not physical appearance. The speaker tells her that beauty fades with time, and it’s the soul that truly attracts love.
    • Themes:
      • Superficial beauty vs. inner beauty
      • The fleeting nature of physical appearance
      • True love based on character, not looks
    • Poet’s Bio: William Butler Yeats was an Irish poet and playwright, a leading figure of 20th-century literature, known for his symbolic and mystic works.
    • Character Summary:
      • Anne Gregory: A young woman focused on her physical beauty, seeking love.
      • The Speaker: Offers advice, emphasizing the importance of inner qualities over outward appearance.